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आय से अधिक संपत्ति के मामले में बरी हुये पूर्व मंत्री रंगनाथ मिश्र

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प्रयागराज एम एमएलए कोर्ट ने दिया फैसला, वर्ष 2012—13 में दर्ज हुआ था मामला

भदोही। उत्तरप्रदेश सरकार में मंत्री रह चुके रंगनाथ मिश्रा को प्रयागराज की एमपी एमएलए स्पेशल कोर्ट ने बुधवार को आय से अधिक सम्पत्ति के मामले में बरी कर दिया है। श्री मिश्र के उपर वर्ष 2012— 13 में मुकदमा दर्ज किया गया था। उनके बरी होने से समर्थकों में खुशी की लहर व्याप्त हैं।
बता दें कि बता दें अक्टूबर 2012 में जिले के औराई थाने में पूर्व मंत्री रंगनाथ मिश्रा के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया था। यह मुकदमा विजिलेंस के महानिदेशक ओपी दीक्षित ने दर्ज कराया था। एमपी/एमएलए स्पेशल कोर्ट जज आलोक कुमार श्रीवास्तव ने बुधवार को फैसल सुनाते हुये उन्हें बरी कर दिया।
गौरतलब है कि पिछले साल 2020 में ईडी ने आय से अधिक संपत्ति मामले में रंगनाथ मिश्रा की पांच करोड़ रुपये की संपत्ति कुर्क की थी। ईडी के मुताबिक, रंगनाथ मिश्र और उनके परिजन के प्रयागराज स्थित टैगोर टाउन के जॉर्ज टाउन विस्तार स्थित 250.83 वर्ग मीटर और 899.25 वर्ग मीटर के दो प्लॉट कुर्क किए गए थे। मिश्रा और उनके परिवार के सदस्यों के खिलाफ धन शोधन निवारण अधिनियम-2002 (पीएमएलए) के तहत यह कार्रवाई की गई। आरोप था कि रंगनाथ मिश्र ने वर्ष 2010 में सरकार में मंत्री रहते हुए अपने और परिजन के नाम पर ये संपत्तियां बनाई थीं। ईडी ने मिश्रा के खिलाफ उत्तर प्रदेश विजिलेंस विंग द्वारा अक्टूबर 2013 में दर्ज प्राथमिकी के आधार पर अगस्त 2014 में जांच शुरू की थी। एजेंसी ने कहा कि जांच के दौरान यह पता चला कि उन्होंने 2007 से 2011 के दौरान उत्तर प्रदेश सरकार में माध्यमिक शिक्षा मंत्री के पद पर रहते हुए यह संपत्ति अर्जित की। जिसकी सुनवाई प्रयागराज में चल रही थी, जिसमें श्री मिश्रा को बरी कर दिया गया।
बताते चलें कि श्री मिश्रा भदोही के औराई विधानसभा सीट से चार बार विधायक रहे। जिसमें 1993, 1997 और 2005 में भारतीय जनता से चुने गये थे जबकि बसपा के टिकट पर 2007 में चौथी बार विधायक बने। गौरतलब हो कि रंगनाथ मिश्रा भाजपा और बसपा की सरकारों में गृह राज्य मंत्री, माध्यमिक शिक्षा मंत्री सहित यूपी सरकार में कई मंत्रालयों की जिम्मेदारी संभाल चुके हैं। मौजूदा समय में वे बहुजन समाज पार्टी के नेता हैं।
मीडिया से बात करते हुये श्री मिश्रा ने बताया कि 1980 से लेकर 2012 तक मुझ पर एक भी मुकदमा नहीं था। अवसरवादी राजनीतिज्ञों ने मेरे प्रति कुचक्र रच कर फंसाने का कार्य किया जिसको आज माननीय न्यायालय ने दोषमुक्त कर सच्चाई सबके सामने लाकर रख दिया।

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