जब भी तुम्हारा हौसला आसमान में जायेगा।
होशियार रहना कोई पंख काटने जरूर आयेगा।
हरिबंश सिंह (हरीश)
जब फैसला कर ही लिया, ऊँची उड़ान का ।
फिर देखना फ़िज़ूल है, कद आसमान का ।।
देवराज मिश्रा