(भारत की सच्ची आजादी नागपंचमी के पावन पर्व पर, स्वतंत्रता दिवस के आगमन पूर्व भारतवासी खुशहाल होकर इजहार करते हैं।)
अब त फहरी तिरंगा,सब प्रदेश में,
भारत देश में ना ।।
बदली नेहरू की धारा,
सोचे पाक विचारा-2
चारा चले नाहीं,विधना बा तेश में।
भारत देश में ना ।।
धारा तीन सौ सत्तर,
छप्पन इंच भै बहत्तर-2
तर गइलैं कश्मीरी, हिन्द वेश में ।
भारत देश में ना ।।
पैंतीस-अ भइलै गायब,
सीना चीर गइलैं साहब-2
श्यामा प्रसाद भइलैं,खुश स्वर्ग देश में।
भारत देश में ना ।।
आतंकवादी भइलैं पस्त,
देशवासी भइलैं मस्त-2
गस्त धइले बा,डसेन नागवेश में।
भारत देश में ना ।।
नागपंचमी क दिन,
सोमवार गीन-गीन -2
तीन चौकीदार दीप,हऊवैं रेश में ।
भारत देश में ना ।।
अब त फहरी तिरंगा,सब प्रदेश में,
भारत देश में ना ।।