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जननायक कर्पूरी ठाकुर की पुण्यतिथि के साथ शहीदो को दी गयी सच्ची श्रद्धांजलि

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ठाणे। जननायक कर्पूरी ठाकुर सेवा समिति (रजि) के तत्वावधान में एवं कलवा विद्थामंदिंर व हाईस्कूल के सहयोग से, विनय कुमार शर्मा के नेतृत्व में एवं प्रेमचंद शर्मा (पिन्टू), केशव शर्मा के आयोजन में जननायक कर्पूरी ठाकुर की पुण्यतिथि के साथ भारत माता के वीर सहीद पुत्रों को सच्ची श्रद्धांजलि दिनांक 17 फरवरी 2019 रविवार को कलवा हिन्दी हाई स्कूल के प्रांगण में मुंबई, ठाणे से उपस्थित हुए समाजसेवी नागरिकों द्वारा दी गयी। उक्त श्रद्धांजलि सभा में उपस्थित सभी व्यक्तियों ने शहीद वीर जवानों को मोमबत्ती जलाकर, पुष्प अर्पण कर नमन किया।

उक्त कार्यक्रम में सभी जाति धर्म के लोग सम्मिलित होकर श्रद्धांजलि दी जिसमें एक भारतीयता व इंसानियत का परिचय देखने को मिला। सभा के अध्यक्ष के रूप में सोचन शर्मा, प्रमुख अतिथि जननायक कर्पूरी ठाकुर सेवा समिति के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री राजेन्द्र प्रसाद ठाकुर, मुख्य अतिथि नेहरू शर्मा, बाबूराम दुधनाथ यादव (विद्यालय संस्था प्रतिनिधि) विद्यमान थे। सूत्र संचालन एडवोकेट अनिल शर्मा (जननायक कर्पूरी ठाकुर संस्था के राष्ट्रीय कानूनी सलाहकार)ने मां भारती के वीर सपूतों को नमन किया और जयघोस करते हुए कहा-

धोखे से उन सबने मारा है,तुम धोखे से करना वार नहीं ।
खुले आम जब तक ना मारा,कोई श्रद्धांजलि स्वीकार नहीं।।

संस्था के राष्ट्रीय प्रधान महासचिव श्री हरिकेश शर्मा नंदवंशी ने शहीदो को श्रद्धांजलि देते हुए कहा-
माफ करना मेरे दोस्त,
कोई फूल नही है आपके लिए
हर बाग का फूल आतुर है,
शहीदों के शवों पर चढ जाने के लिए।

तत्पश्चात हरिकेश शर्मा नंदवंशी जननायक कर्पूरी ठाकुर के जीवन पर प्रकाश डालते हुए कहा कि
स्वतंत्रता संग्राम सेनानी, प्रखर, समाजवादी, शिक्षक,कर्मयोगी, सर्वसमाज के सर्वमान्य नेता और बिहार के दिवंगत मुख्यमंत्री, “गुदडी के लाल”और ‘बिहार के भूमिपुत्र ‘कहे जाने वाले कर्पूरी जी का पूरा जीवन एक आदर्श है। सादगी, शुचिता, कर्मठता और समाज के सबसे निचले पायदान पर खड़े लोगों के अधिकार के लिए संघर्षशीलता उनके जीवन का एक अभिन्न अंग था। दिवंगत कर्पूरी ठाकुर जी के लिए राजनीति सत्ता के लिए नहीं बल्कि सिद्धांतों के लिए थी, सेवा भाव के लिए थी, उनकी पुण्यतिथि पर उन्हें नमन करने के वक्त एक बार फिर उस दिन का संकल्प दोहराएंगे, कि जननायक कर्पूरी ठाकुर जी ने, जिस समाज का सपना देखा था, उसे पूरा करने के लिए हम सबको पूरी दृढ़ता और प्रतिबद्धता के साथ जुटे रहना होगा।

राष्ट्रीय अध्यक्ष राजेन्द्र प्रसाद ठाकुर ने जननायक के विचारों को विस्तृत रूप से रखा, सभी को संगठित रहने हेतु आग्रह भी किया तथा शहीदो को श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि-

शुब्ध हुंं क्रूध्द हूं
आज मैं विरुध्द हूं
कौन है अहिंसा
कहा है मानवता
कहा कि ये नीति है
कहा कि ये रीती है
मां के गये बेटे है
नारी का गया सुहाग
मातृभूमि मूक क्यो
नीति क्यो अनीति है
बदल दो रीति को
मण्डित न करो नीति को
गीता के उपदेश को
पालन करो कर्तव्य को
रचो महाभारत को
दुष्टो का करो संहार
पुकार है हिन्द की
डरो नहीं करो प्रहार..।।

राष्ट्रीय वरिष्ठ उपाध्यक्ष विनय कुमार शर्मा ने शहीदो को श्रद्धांजलि देते हुए कर्पूरी ठाकुर के बचपन,शिक्षा फिर क्रांति की धधकती गाथा को दुहराते हुए जीवन पर प्रकाश डाला, तत्पश्चात नौजवान व प्रशासन को आगाह करते हुए कहा-

नाक बजावत गाल फुलावत,दादुर कौ चटकाई न देते।
शेखर वीर शिवा सुखदेव,प्रताप धरा दिखलाई न देते।
शंख बजाय दुवार खड़ा अरि कौ,तनिका समुझाई न देते ।
वीर सपूतन कै धरती,कस रंग हवे बतलाई न देते ।।

राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष प्रदीप कुमार शर्मा ने शहीदो की दिवंगत आत्मा को श्रद्धांजलि देते हुए कर्पूरी ठाकुर के विचारों से अवगत कराया और पुष्प अर्पण कर उन्हें याद किया। विद्यालय के संस्था प्रतिनिधि बाबूराम यादव ने क्रूर,पापी, धोखेबाज पाकिस्तानी गद्दारों को आक्रोश भरे स्वर में उनके नियत पर खूब फटकार लगाई और भारत माता के वीर शहीद पुत्रों को सच्ची श्रद्धांजलि देते हुए कहा हम सभी को संगठित होकर रहना होगा आवश्यकता होने पर दुश्मनों को उनकी भाषा में जवाब देना होगा।

अनेकता में एकता की भूमिका निभाते हुए पूर्वांचल चाल के अध्यक्ष,कवि अश्विनी कुमार यादव ने कर्पूरी ठाकुर के जीवन पर प्रकाश डाला, क्रांतिकारी रूप को भी विस्तृत बताया। शहीद बेटों को पुष्प अर्पित कर, श्रद्धांजलि देते हुए आक्रोशित, व्यथित हृदय से कहा-
ना मुझे गाड़ी बंगला भवन चाहिए,
ना मुझे हिरे मोती रतन चाहिए।
देश सेवा में जान जाए मेरी,
इस बदन पर तिरंगा कफन चाहिए ।।

मेरे हिस्से में वो मुकाम आये,
मेरा भी खून वतन के काम आये।
बात जब भी उठे शहीदो की,
उन शहीदों में मेरा नाम आये।।

उक्त श्रद्धांजलि सभा में इतेन्द्र सोचन शर्मा,जितेन्द्र शर्मा, राजेश शर्मा, प्रदीप शर्मा, चंदन सिंह, अनिल ठाकुर, संजय शर्मा, सतीश शर्मा, ईश्वरी प्रसाद शर्मा, मयंक शर्मा, जगदीश शर्मा, कमलेश कुमार यादव, विनोद शर्मा (पप्पू), शैलेश शर्मा, राजेश शर्मा, अजय जैसवार, मुन्ना लाल शर्मा, ओमप्रकाश, सविता, कन्हैयालाल विश्वकर्मा, रचित विनय शर्मा, सत्यम विश्वकर्मा, अभिषेक सहदेव प्रजापति, शिवम मथुरा विश्वकर्मा, मुन्ना यादव मयंक (मुंबई प्रतिनिधि-जनहित इडिया पत्रिका) एवं चंद्रभूषण विश्वकर्मा (पत्रकार-जे जे वी न्यूज) आदि उपस्थित थे। अत में विनय शर्मा दीप ने सभी को एकता, अखंडता बनाये रखने की अपील करते हुए सभी को धन्यवाद दिया और राष्ट्रीय गीत के साथ सभा समाप्त की।

 

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