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आर्यन खान का महिमामंडन : क्या ऐसे ही बनेगी बुलंद भारत की बुलंद तस्वीर

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ड्रग्स लेने के आरोप में जेल गये आर्यन की रिहाई पर जश्न मनाने पर युवाओं में बढ़ेगी नशे की प्रवृत्ति

 

क्रूज में पार्टी करने के दौरान ड्रग्स लेने के आरोप में 23 दिन की जेल काटकर आये बॉलीवुड स्टार शाहरूख खान के बेटे आर्यन खान का स्वागत सेलीब्रेटी की तरह किया जा रहा है। दीपावली पर भले ही पटाखा बैन हो किन्तु खान के बंगले मन्नत के सामने उनके समर्थक खुशी में पागल होकर पटाखे फोड़ रहे हैं। भले ही आर्यन खान अभी तक एक भी फिल्मों में काम नहीं किये हो किन्तु उनके समर्थकों का पागलपन देखकर यहीं लग रहा है कि जैसे वे एक बड़े सेलीब्रेटी बन गये हों। इतना स्वागत तो उन खिलाड़ियों का भी नहीं किया जाता रहा जो स्वर्णपदक लाकर अपने देश का नाम रोशन करते रहे हैं। आर्यन ने कोई ऐसा कार्य नहीं किया है जिससे देश का नाम रोशन हुआ हो बल्कि उसने नशा किया था और कई वर्षों से नशा करता आ रहा है, किन्तु उसके लिये युवाओं का जोश देखकर हम सहज ही कल्पना कर सकते हैं कि देश के युवा किस ओर जा रहे हैं। हम अपने बुलंद भारत की कौन सी बुलंद तस्वीर विश्व को दिखा रहे हैं। जिस कृत्य पर हमें शर्म करनी चाहिये उसका जमकर महिमामंडन कर रहे हैं।

बताते दें कि इसी महीने की शुरूआत यानि 3 अक्टूबर को ड्रग्स लेने के आरोप में आर्यन खान को एनसीबी ने गिरफ्तार किया था। इसके बाद से ही मीडिया पर उसका महिमामंडन शुरू हो गया। आर्यन क्या खाते हैं, क्यों उदास हैं, वह सोया कि नहीं, शाहरूख खान को बेटे की गिरफ्तारी पर आंसू निकले कि नहीं, गौरी खान को नींद आयी कि नहीं। पिछले 23 दिनों से यहीं लग रहा था कि मीडिया के पास देश में बस एक ही व्यक्ति बचा है खबर दिखाने के लिये और वह है आर्यन खान। मीडिया के लिये वह इसलिये जरूरी था क्योंकि वह एक फिल्म कलाकार शाहरूक खान का बेटा है। 23 साल का युवा जो कई वर्षों से ड्रग्स लेता चला आ रहा हो वह मीडिया के लिये हीरो बन गया। वहीं मीडिया जो किसी गरीब के मरने पर दो लाइन की खबर चलाती है। किसी गरीब की परेशानियां नजरअंदाज करती है। सड़क पर भीख मांगने वाले मासूमों से नजरें चुराती है। वहीं मीडिया दिन रात आर्यन खान की खबर दिखाकर उसे हीरो बना दिया। जो आर्यन अपने बाप के कमाये पैसे को ड्रग्स में उड़ा रहा था। जो अपने दोस्तों के साथ नशे में धुत रहकर अय्याशी करता रहा आज उसे मासूम बना दिया गया।

आर्यन की रिहाई पर देश के लाखों लोगों ने जिसमें अधिकतर युवा पीढ़ी है। उसने राहत की सांस ली है और खुश होकर पटाखे फोड़ रही है। नशा करने वाले एक युवा की रिहाई इस तरह मनायी जा रही है जैसे उसने अपने कृत्य से देश का नाम रोशन कर दिया हो। अपने बेटे की रिहाई पर शाहरूख का खुश होना लाजिमी है। हर बाप अपने बेटे को प्यार करता है और जब भी उसके उपर मुसीबत आती है तो उसका दुखी होना उसी तरह स्वाभाविक है जैसे उसकी रिहाई पर वह खुश हुआ है। लेकिन जिस तरह देश के लाखों युवा खुशी मना रहे हैं उससे चिंतित होना भी स्वाभाविक है। आज जब देश की युवा पीढ़ी नशे की लत में बर्बाद हो रही है। लाखों लोग प्रतिवर्ष मौत के मुंह में जा रहे हों। ऐसे में आर्यन खान की रिहाई पर जश्न मनाना और मीडिया द्वारा उसका महिमामंडन करना देश की युवा पीढ़ी को किस ओर ले जायेगी इसका सहज ही अंदाजा लगा लेना होगा।

देखा जाय तो प्रतिवर्ष नशे के कारण लाखों लोग काल के गाल में समा रहे हैं। युवा पीढ़ी नशे के दलदल में धसती जा रही है। इस दलदल से निकला बहुत ही मुशिकल हो रहा है। बच्चों के मां-बाप दुखी हैं कि उनके चिराग नशे की गिरफ्त में आते जा रहे हैं। नशे के सौदागर युवाओं के भविष्य खराब करते जा रहे हैं। यदि युवा ही नशे का प्रयोग करेगा, तो आने वाला उसका कल अंधकारमय ही होगा। युवाओं के कंधों पर देश टिका है, मगर यह कंधें नशे के कारण थक रहे  है। युवाओं की नसों में नशा भर चुका है। जवान काया शिथिल होती जा रही है। नशे के कारण सड़क हादसों में हर साल लाखों युवक बेमौत मारे जा रहे हैं। सरकारों को राजस्व प्राप्त होता है। सरकारों को देश के कर्णधारों की कोई फिक्र नहीं हेैं। राजस्व से ही खजाना भरा जा रहा है। युवा मर रहे है। चंद मिनटों के मजे के लिए अनमोल जीवन बरबाद कर रहे हैं। युवका ही नहीं बल्कि युवतियां भी नशे की दलदल में फंस चुकी हैं। इसके बावजूद भी नशे के कारण कानून की गिरफ्त में आये आर्यन खान को सिर्फ इसलिये महिमामंडित करना कि वह शाहरूख खान का बेटा है, इससे बड़ा दुर्भाग्य और क्या होगा।

 

 

बालीवुड का ड्रग्स से है पुराना नाता

बॉलीवुड से ड्रग्स का नाता कोई नया नहीं है। आर्यन खान के पहले भी बॉलीवुड से जुड़े कई लोग ड्रग्स के इस्तेमाल को लेकर सुर्खियां बटोर चुके हैं। आर्यन के गिरफ्त में आने से पहले पिछले वर्ष जब अभिनेता सुशांत की मौत हुई थी। तब भी फिल्मी दुनिया कई अभिनेताओं और अभिनेत्रियों के नाम उछले थे। बॉलीवुड और ड्रग्स कनेक्शन की बात करें तो सबसे पहले नाम आया था संजय दत्त का। 1980 के दशक में संजय दत्त भी ड्रग्स की गिरफ्त में थे। उन पर बनी बायोपिक संजू में दिखाया है कि किस तरह उन्होंने अमेरिका में रहकर इस नशे से आजादी पाई। संजय दत्त ने कई बार खुद स्वीकार किया है कि उन्होंने हर उपलब्ध ड्रग्स का इस्तेमाल किया है। वैसे अब संजय दत्त आर्ट ऑफ लिविंग फाउंडेशन के ड्रग-फ्री इंडिया कैम्पेन के सक्रिय सदस्य हैं।
2001 में बॉलीवुड एक्टर फरदीन खान को एक ग्राम कोकेन खरीदते हुए गिरफ्तार किया गया था। फरदीन पर एनडीपीएस एक्ट के तहत सेक्शन 21(ए) और सेक्शन 28(सी) के तहत केस रजिस्टर हुआ था। 2012 में स्पेशल कोर्ट ने फरदीन को मुकदमे से राहत दी थी और उसके बाद वह डी-एडिक्शन प्रक्रिया से गुजरे थे। फिल्म अभिनेता  विजय राज को अबू धाबी में 14 फरवरी 2005 को ड्रग्स के साथ गिरफ्तार किया गया था। विजय राज उस समय विक्रम भट की दीवाने हुये पागल की यूएई में शूटिंग कर रहे थे।

फिल्म अभिनेता राज बब्बर के बेटे प्रतीक बब्बर ने एक साक्षात्कार स्वीकार किया था कि 13 साल की उम्र में उन्होंने पहली बार ड्रग्स लिया था। एक समाचार पत्र में लिखे एक खुले पत्र में उन्होंने लिखा कि शुरुआत मारिजुआना और हशीश से हुई। फिर उनका नशा कोकेन और एसिड तक पहुंच गया था। फिल्म अभिनेत्री ममता कुलकर्णी खुद ही कथित तौर पर 2000 करोड़ रुपए के ड्रग रैकेट से जुड़ी हुई थी। जनवरी 2016 में केन्या में ड्रग स्मगलर्स की मीटिंग में उन्होंने अपने पति विक्की गोस्वामी के साथ भाग लिया था। विक्की गोस्वामी को भारत का बड़ा ड्रग स्मगलर माना जाता है। हालांकि, अभिनेत्री ने आरोप का खंडन किया था।
युवा पीढ़ी में अपने गायन से लोकप्रिय हनी सिंह के गानों में ही नशे का जिक्र होता है। हनी सिंह को भी शराब और ड्रग्स की लत लग गई थी। हनी सिंह भी कुछ दिनों के लिये गायब होकर  ट्रीटमेंट लिये। जिसका बुरा असर उनके कैरियर पर पड़ा। कामेडियन भारती सिंह पर भी ड्रग लेने का आरोप लग चुका है। फिल्मी दुनिया में ऐसे कई लोग हैं जिनका नाम ड्रग्स के सेवन में आ चुका है।
एक वर्ष पहले फिल्म निर्माता महेश भट्ट की बेटी पूजा भट्ट ने ड्रग्स के इस्तेमाल को लेकर ट्वीट किया। उन्होंने लिखा, ‘क्या कोई ऐसे लोगों की परवाह करता है, जो समाज के अंतिम छोर पर रहते हैं, जो ड्रग्स का इस्तेमाल करते हैं, ताकि जीवन का दर्द दूर हो जाए? जो लोग टूटे हुए हैं, क्या कोई इनके पुनर्वास में दिलचस्पी रखता है।

 

 

इससे अधिक दुखद बात क्या होगी कि ड्रग्स सेवन में जेल गये आर्यन खान की रिहाई पर देश की युवा पीढ़ी जश्न मना रही है। शाहरूख खान के समर्थक उनके बंगले मन्नत के सामने खुलेआम पटाखे फोड़ रहे हैं। जिन पटाखों पर दिवाली पर बैन लगता हो उसी पटाखे को जब आर्यन की रिहाई पर फोड़े गये तो समाज का कोई बंद्धिजीवी नहीं बोला। महाराष्ट्र सरकार भी मौन धारण किये रही। यदि कोई युवा नशे की गिरफ्त में आता है तो समाज को उसके प्रति सहानुभूति रखना जायज ठहराया जा सकता है किन्तु खुशी मनाना कहां तक उचित है। जो नशा देश की युवा पीढ़ी को बर्बाद कर रहा हो। उसके आरोपी की रिहाई पर जश्न मनाने की घटना को सहज रूप में नहीं लिया जा सकता। देश और समाज का विकास तभी होगा जब देश की युवा पीढ़ी नशे से मुक्त होगी, लेकिन ड्रग्स सेवन करने वाले किसी भी व्यक्ति का महिमामंडन करने से नशे पर रोक कैसे लगेगी।

सुमित सिंह
सदस्य — नशा मुक्ति एवं पुनर्वास समिति भारत सरकार

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