गोपीगंज थाना हमेशा सुर्खियों में रहा है। लापरवाही किसी की भी रही हो किन्तु अधिकारियों की गाज प्रभारी निरीक्षक बनते रहे है। एक बार फिर ऐसा ही मामला सामने आया है। गोपीगंज थाना के बदरी गांव में एक मासूम बालक की गला रेत कर हत्या कर दी गई थी। लोगों का कहना है कि उसमें दोषी हल्का प्रभारी एसआई थे, लेकिन दंड मिला इंस्पेक्टर को। और दंड कोई मामुली नहीं बल्कि सीधे निलंबित कर दिया गया। यह कार्य उच्च अधिकारियों द्वारा किया गया जो गोपीगंज की जनता के गले के नीचे नही उतर रहा है।
बता दें कि गत दिनों बदरी गांव में एक छ: वर्षीय बच्चे की गला काट कर हत्या कर दी गई थी। पीड़ित परिवार के अनुसार लापरवाही हल्का इंचार्ज की थी । चर्चा है कि पुलिस अधीक्षक राम बदन सिंह यह जान रहे थे कि गलती किसकी है किंतु उनकी भी नहीं चली। पुलिस उप महानिदेशक वाराणसी ने प्रभारी निरीक्षक की लापरवाही मानते हुए पहले लाइन हाजिर करा दिया । बाद में आईजी के मार्फत सस्पेंड भी करा दिया।
यह बात जहां पुलिस महकमे में चर्चा का विषय बना हुआ है वहीं लोगों के गले के नीचे भी नहीं उतर रहा है। आखिर इंस्पेक्टर कृष्णानन्द राय ने इतनी बड़ी गलती क्या किया कि उनको लाइन हाजिर के बाद सस्पेंड होना पड़ा। वही चर्चा का विषय यह भी है कि एक अधिकारी से इंस्पेक्टर की नहीं बनती थी। जिसने अपना बदला चुकाया। फिलहाल प्रकरण की जांच सिटी एसपी मिर्जापुर को सौंपी गई है। दो दिन पूर्व गोपीगंज थाने पहुचे जाच अधिकारी ने पत्रकारों के साथ पालिका परिषद के अध्यक्ष सभासद व व्यापार मंडल के लोगों से कोतवाली प्रभारी के कार्यप्रणाली के बारे में पूछताछ किया। लगभग सभी ने पूर्व थानाध्यक्ष के कार्यकाल की सराहना की।