भदोही। सरकार जहां आयुर्वेद को लेकर काफी सक्रिय है और इससे जुडी चीजों व कार्यों को प्रोत्साहित कर रही है। वही कुछ मामले ऐसे भी देखने को मिल रहे है जो सरकार के वादों को मुंह चिढ़ाते है। और जिम्मेदार और विभागीय लोगों को जैसे कुछ पता ही न हो। एक ऐसा ही मामला डालर नगरी भदोही के बरवां में देखने को मिल रहा है। जहां के स्थानीय लोग वहां पर बने राजकीय आयुर्वेदिक चिकित्सालय की जर्जर अवस्था को लेकर नेताओं और अधिकारियों तक अपनी फरियाद पहुंचा चुके है लेकिन लोग है कि इस चिकित्सालय के विकास के लिए ध्यान ही नही दे रहे है।
मालूम हो कि औराई क्षेत्र के बरवां में बना राजकीय आयुर्वेदिक चिकित्सालय बदहाली का शिकार और जर्जर अवस्था में है। इस चिकित्सालय के बारे में ग्रामीणों ने नेताओं को ज्ञापन दिया है लेकिन अभी तक कोई कार्य न होने से लोगों को नाराजगी है। ग्रामीणों का कहना है कि किसी आपातकालीन परिस्थिति में वाराणसी जाना पडता है जबकि नजदीक में ही चिकित्सालय है वहां लोग नही जाते है। क्योकि चिकित्सालय की जर्जर अवस्था को लेकर लोग आशंकित है। ग्रामीणों ने इसकी जानकारी आईजीआरएस के माध्यम से भी दी है लेकिन आदेश आकर बीडीओ के यहां लम्बित है।
अब यहां सवाल पैदा होता है कि आखिर किस वजह से इस राजकीय आयुर्वेदिक चिकित्सालय पर जिम्मेदार ध्यान नही दे रहे है? इसके लिए फण्ड की कमी या है विभागीय लापरवाही की देरी से ऐसा हो रहा है? इस चिकित्सालय में तैनात चिकित्सक और कर्मचारी आखिर क्यों नही बताते यहां की समस्या? या बताने के बाद भी नही सुनी जाती है उनकी बातें? सरकार द्वारा आयुर्वेद को यदि इसी तरह प्रोत्साहित किया जायेगा तो यह एक स्वप्न मात्र रहेगा और आयुर्वेदिक चिकित्सालय खुद बीमार और अपंग बने रहेंगे। दूसरों का इलाज करना तो केवल छलावा ही साबित होगा।