भदोही। जिलाधिकारी ने जिले में शीतलहर व ठंड को देखते हुए जिले के सभी कक्षा आठ तक के विद्यालयों को बंद रखने का आदेश दिया है। साथ में विद्यालयों में अध्यापकों की उपस्थिति का भी आदेश दिया है लेकिन जिलाधिकारी के इस आदेश का पालन कितना होता है यह 8 जनवरी और 9 जनवरी को विद्यालयों में बखूबी देखा जा सकेगा।
पिछले कई मामलों में आदेश को धता बताकर ज्यादातर अध्यापक विद्यालय आते ही नही है क्योकि उन्हे मालूम है कि कौन देखने आएगा? विभाग के अधिकारी तो परिचित ही है। सरकारी विद्यालयों के अध्यापकों की एक बात जो अक्सर देखने को मिलती है कि जो अध्यापक किसी नेता या अधिकारी के खास है वे अपने तैनाती विद्यालय में बहुत कम आते है लेकिन उनका एक पत्र पडा रहता है जो यह साबित करने में काफी होता है कि किसी कारण से छुट्टी लिए है। यदि कोई अधिकारी न आया तो वह पत्र आगे काम करता है।
आजकल जाडा के समय कई विद्यालयों में अध्यापक 11बजे के आस-पास आते है लेकिन अभिभावकों की लापरवाही, बच्चों का डर, विभाग की मिलीभगत से कोई पकड मे नही आता है। छुट्टी के समय भी कई विद्यालय ऐसे है जहां के अध्यापक निर्धारित समय से पहले ही निकल लेते है।
सरकारी अध्यापकों के आने-जाने पढाने की जानकारी अभिभावकों को रखनी चाहिए क्योकि बच्चों का भविष्य इनके हाथ मे है। कामचोर व लापरवाह अध्यापकों की शिकायत करना हर अभिभावक का फर्ज है, क्योकि अभिभावकों की निष्क्रियता से कुछ कामचोर व लापरवाह अध्यापक सरकार से वेतन लेकर बच्चों के साथ अन्याय कर रहे है केवल खानापुर्ति करने वाले व लापरवाह अध्यापकों के खिलाफ खडा होना जरूरी है।