यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ के बाद अब ग्राम स्वराज अभियान के बहाने डिप्टी सीएम केशव मौर्य ने भी दलित एजेंडे को धार देनी शुरू कर दी है। शनिवार को शहर पहुंचे केशव ने शृंगवेरपुर धाम के पास बिजलीपुर गांव में चौपाल लगाई। ग्रामीणों की समस्याएं सुनीं। अफसरों को भी खूब खरी-खरी सुनाई। चौपाल से खाली हुए तो गांव के ही एक दलित के यहां भोजन भी किया। गांव के ही एक स्कूल में उन्होंने रात भी गुजारी।
दरअसल, पिछले माह फूलपुर और गोरखपुर लोकसभा उपचुनाव के बाद भाजपा की खासी किरकिरी हुई है। सीएम और डिप्टी सीएम की सीट सपा के खाते में चले जाने के बाद भाजपा ने वर्ष 2019 में होने वाले लोकसभा चुनाव की तैयारी विपक्षी दलों के गठबंधन को देखते हुए की है। पार्टी के भीतरखाने भी इस बात की चर्चा है कि वर्ष 2014 के लोकसभा एवं वर्ष 2017 के विधानसभा चुनाव के मुकाबले बीते माह हुए उपचुनाव में भाजपा को दलितों के वोट कम मिले। आम लोगों की योगी सरकार के मंत्रियों एवं विधायकों के बीच पहुंच न होेने से पिछले सोमवार को ही सूबे के मुख्यमंत्री ने प्रतापगढ़ के दलित बाहुल्य कंधईपुर मधुपुर में चौपाल लगाकर लोगों से सीधे जुड़ने का प्रयास किया। इसके बाद वह अमरोहा के भी एक गांव में गए। योगी ही नहीं उनके तमाम मंत्री भी ग्राम स्वराज अभियान के तहत दलित बाहुल्य गांवों में चौपाल लगाकर रात्रि प्रवास कर रहे हैं।
उड्डयन मंत्री नंद गोपाल गुप्ता नंदी ने भी पिछले दिनों रायबरेली के एक गांव में चौपाल लगाकर रात गुजारी। अब इसी कड़ी में शनिवार को डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने फूलपुर संसदीय क्षेत्र के कौड़िहार ब्लॉक स्थित बिजलीपुर गांव में चौपाल के माध्यम से जनता से सीधे जुड़ने की कवायद की। उन्होंने मंच पर अपने साथ स्थानीय विधायक विक्रमाजीत मौर्य को भी बिठाया। चौपाल के पूर्व केशव ने शृंगवेरपुर धाम में गंगा आरती भी की।