मुंबई। ‘मुंबई हिंदी पत्रकार संघ’ के तत्वावधान में विश्व हिंदी दिवस के अवसर पर मुंबई विद्यापीठ के कविवर्य कुसुमाग्रज मराठी भाषा साहित्य भवन में भव्य कार्यक्रम का आयोजन किया गया। आयोजकों ने कार्यक्रम के द्वारा मुंबई के वरिष्ठ पत्रकारों को सम्मानित करने के साथ-साथ ‘बॉलीवुड और हिंदी’ विषय पर परिचर्चा का आयोजन किया था। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि महाराष्ट्र के राज्यपाल ‘श्री भगत सिंह कोश्यारी’ ने मुंबई के मूर्धन्य पत्रकारों में 91 वर्ष के वरिष्ठ पत्रकार प्रीतम सिंह त्यागी, पत्रकारिता के विश्वविद्यालय कहे जानेवाले अश्विनी कुमार मिश्र, अभिलाष अवस्थी, हरीश पाठक, हिंदी विभागाध्यक्ष करुणाशंकर उपाध्याय और हिंदी सेवी प्रवीण जैन को सम्मानित किया।
श्री भगत सिंह कोश्योरी ने दर्शकों से खचाखच भरे सभागृह को संबोधित करते हुए कहा कि, “हिंदी की विकास यात्रा में अहिंदी भाषियों का योगदान अत्यधिक महत्वपूर्ण है। महात्मा गांधी से लेकर युगल किशोर शुक्ल और विष्णु बाबूराव पराडकर के प्रारंभिक योगदान को भुलाया नहीं जा सकता।” ‘बॉलीवुड और हिंदी’ इस विषय पर अपना विचार व्यक्त करते हुए प्रसिद्ध फिल्म अभिनेता दयाशंकर पांडे, संवाद लेखक संजय मासूम डॉ संजय प्रभाकर और हिंदी विभागाध्यक्ष करुणाशंकर उपाध्याय ने अपना विचार व्यक्त किया। हिंदी हिंदुस्तान की आत्मा है, इसे बोलने और समझने वाले लोगों को हिंदी से भिन्न नहीं किया जा सकता। बॉलीवुड में पटकथा भले ही रोमन में लिखकर पढ़ी जाती हो परंतु प्रचार और प्रसार हिंदी का ही हो रहा है। बॉलीवुड के कारण ऐसे अनेक अन्य भाषा–भाषी लोग हैं जो हिंदी फिल्मों को देखने के लिए हिंदी सीख रहे हैं। भारत में हिंदी को अन्य भाषा–भाषियों से जोड़ने का काम बॉलीवुड ने अच्छी तरह से किया है। आज हिंदी पहले से कहीं अधिक समृद्ध और विकसित हुई है। डॉक्टर संजीव प्रभाकर और करुणा शंकर उपाध्याय ने भी हिंदी की विकास यात्रा से नतमस्तक हो हिंदी में होने वाली सृजनात्मकता की सराहना की।
कार्यक्रम का संचालन करते हुए पत्रकार अभय मिश्र ने पूर्व गृहराज्य मंत्री कृपाशंकर सिंह, पूर्व विधायक राजहंस सिंह सहित ओमप्रकाश तिवारी और अन्य पत्रकारों, नेतागण, साहित्यकार, कवि, लेखक और हिंदी राजभाषा की सेवा करने वाले अनुशासित अग्रजों की मौजूदगी की प्रशंसा की। ‘मुंबई हिंदी पत्रकारिता संघ’ के अध्यक्ष आदित्य दुबे, महासचिव विजय सिंह कौशिक, राजकुमार सिंह, अशोक शुक्ल, अनिल पांडेय, अभय मिश्र, हरगोविंद विश्वकर्मा, अखिलेश तिवारी, सुरेंद्र मिश्र, लोक गायक सुरेश शुक्ल, उदयप्रताप सिंह आदि ने कार्यक्रम को सफल बनाने में अपना बहुमूल्य योगदान दिया।