ठाणे-महाराष्ट्र। साहित्य जगत की सेवा कर रहे युवा साहित्यकार,गज़लकार अनिल कुमार राही के आतंरिक हृदय पटल पर एक चिंतन सी रूपरेखा कि साहित्य को और आगे बढाया जाय ऐसी सोच अविरल प्रयासरत रही और राष्ट्रीय पटल पर “नव साहित्य कुंभ” नाम से अवतरित हुई। जिसके प्रेरणास्रोत रामस्वरूप प्रीतम भिनगई (श्रावस्ती), धीरेन्द्र वर्मा धीर (लखीमपुर खीरी), दिवाकर चंद्र त्रिपाठी (छत्तीसगढ़) एवं विनय शर्मा दीप (ठाणे-महाराष्ट्र) रहे, जिनके विचारो के मंथन फलस्वरूप एक साहित्य स्तंभ का निर्माण हुआ। जिसकी प्रथम काव्य गोष्ठी 26 अगस्त 2020 को संध्याकाल मुंबई के सुप्रसिद्ध साहित्यकार संजय द्विवेदी जी (कल्याण-महाराष्ट्र) के संचालन में संपन्न हुई।जिसमें आमंत्रित कवियों में वरिष्ठ साहित्यकार रामप्यारे सिंह रघुवंशी(ठाणे), पूरन भंडारी के साथ संजय द्विवेदी ने काव्यपाठ किया।
दूसरी काव्यसंध्या 28 अगस्त 2020 को सुप्रसिद्ध साहित्यकार सदाशिव चतुर्वेदी के संचालन में संपन्न हुई, जिसमें चतुर्वेदी जी के साथ कवियत्री मीना सिंह गज़ल (सूरत), कवियत्री सीतानंद खरे उरई (उप्र) और कवि अरविंद असर (दिल्ली) ने काव्यपाठ किया। काव्यसंध्या के समापन के पश्चात संस्था अध्यक्ष राही ने सभी उपस्थित साहित्यकारों को सम्मान-पत्र देकर सम्मानित किया और आभार व्यक्त करते हुए धन्यवाद दिया तथा गोष्ठी का समापन किया।