Home मुंबई मालाड के महिला कालेज द्वारा भव्य वेबीनार संपन्न

मालाड के महिला कालेज द्वारा भव्य वेबीनार संपन्न

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मुंबई। जन सेवा समिति संचालित श्री एम. डी. शाह. महिला कॉलेज ऑफ आर्ट्स एंड कॉमर्स के पोस्ट ग्रेजुएट इतिहास विभाग एवं भारतीय इतिहास अनुसंधान परिषद, नई दिल्ली (ICHR-MHRD) के संयुक्त तत्वावधान में द्विदिवसीय अंतरराष्ट्रीय वेबीनार रिराइटिंग हिस्ट्री:कनटेरमरी चैलेंजस(RE-WRITING HISTORY: CONTEMPORARY CHALLENGES) का आयोजन दिनांक 17एवं एवं 18अगस्त 2020को ऑनलाइन ज़ूम मंच पर किया गया।इसका यूट्यूब लिंक द्वारा सीधा प्रसारण भी उपलब्ध कराया गया। इसमें इंडोनेशिया, साउथ अफ्रीका सहित भारत के विभिन्न राज्यों के लगभग 700 लोगों ने भाग लिया।

संगोष्ठी का शुभारंभ, डॉ. विजय शर्मा, सम्पूर्णानन्द संस्कृत विश्वविद्यालय, वाराणसी के सामवैदिक मंत्रोच्चारण के साथ हुआ। कॉलेज की प्राचार्या डॉ. दीपा शर्मा ने सभी अतिथियों का स्वागत किया। कॉलेज के प्रबंधक, पूर्व शेरिफ़, मुंबई, डॉ मोहन भाई पटेल ने अपने अध्यक्षीय भाषण में इंडोनेशिया और भारत के बीच मजबूत सांस्कृतिक संबंधों की बात की तथा दक्षिण अफ्रीका में गांधी जी के अभियान के विषय में चर्चा की। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि डॉ . आई. केतुत अरधाना, कुलपति, यूनिवर्सिटास हिंदू इंडोनेशिया यू एन एच आई (UNHI) ने भारत एवं इंडनेशिया के मध्य धार्मिक एवं सांस्कृतिक एकरूपता की बात की। साथ ही गेस्ट ऑफ ऑनर, प्रो. शशि कला वंजारी, कुलपति, एस. एन. डी . टी. महिला विश्वविद्यालय एवं भारतीय इतिहास अनुसंधान परिषद, नई दिल्ली आय सीमा एच आर -एम एच आर डी (ICHR-MHRD) के डायरेक्टर डॉक्टर ओम जी उपाध्याय ने अपनी शुभकामनाएं प्रेषित कीं।

प्रथम सत्र में विशेष अतिथि के रूप में आमंत्रित गांधी डेवलोपमेंट ट्रस्ट, साउथ अफ्रीका, से आई हुई मैडम कन्याकुमारी पद्याची ने अपने व्याख्यान में महात्मा गांधी के दक्षिण अफ्रीका प्रवास के दौरान, कुछ नवीन तथ्यों की जानकारी प्रस्तुत की। उनका व्याख्यान शोधार्थियों के लिए बहुत महत्वपूर्ण एवं प्रेरणा वर्धक था। द्वितीय सत्र का संचालन करते हुए वेबिनार संयोजिका, डॉ. मेरूपभा मिश्रा ने बनारस हिंदू विश्वविद्यालय के प्रो. सीताराम दुबे को, की – नोट स्पीकर के रूप में आमंत्रित किया । जिन्होंने संगोष्ठी के मूल विषय से व्यापक रूप से अवगत कराते हुए अत्यंत विस्तृत व्याख्यान दिया। इस सत्र में प्रो. सुरेश मिश्रा, इंदौर, डॉ. मेहरज्योति सांगले, मुंबई, ने अत्यंत सारगर्भित शोध व्याख्यान प्रस्तुत किए। प्रोफेसर विभूति पटेल, मुंबई ने सत्र- अध्यक्षता करते हुए अपना वक्तव्य एवं मत दिया। इस दिन की संगोष्टी का समापन आइ. क्यू. ए. सी. समन्वयक श्रीमती शुभा आचार्या के धन्यवाद ज्ञापन के साथ सम्पन्न हुआ।

दूसरे दिन 18 अगस्त 2020 को द्वितीय सत्र का संचालन करते हुए डॉ. वत्सला शुक्ला, एस. एन. डी . टी. महिला विश्वविद्यालय, मुंबई ने सभी अतिथियों का स्वागत करते हुए प्रो. डॉ रंजना मिश्रा, लखनऊ, डॉ. अमी अधर, आगरा, डॉक्टर मधुमिता बंदोपाध्याय, मुंबई, प्रो. डॉ. राम कुमार अहिरवार, उज्जैन एवं श्री राज गोपाल सिंह वर्मा, आगरा को अपने- अपने शोध पत्रों को पढ़ने के लिए आमंत्रित किया. सत्र- अध्यक्ष प्रो. डॉ रंजना मिश्रा ने सभी सारगर्भित शोध पत्रों की प्रशंसा की। समापन सत्र मे गेस्ट ऑफ ऑनर, रजिस्ट्रार, डॉ. दीपक देशपांडे, एस. एन. डी . टी. महिला विश्वविद्यालय, मुंबई ने संगोष्ठी के विषय में विभिन्न महत्वपूर्ण बिंदुओं को उद्घाटित करते हुए अपनी शुभकामनाएं दीं। जन सेवा समिति के सह सचिव श्री डॉ विपिन भाई मेहता सर ने भी अपनी शुभकामनाएं प्रेषित कीं।

कॉलेज की प्राचार्य डॉ. दीपा शर्मा ने संगोष्ठी का समापन भाषण उद्बोधन करते हुए सत्र का समापन किया एवं कॉलेज की परास्नातक विभाग की समन्वयक डी. विद्यालक्ष्मी मैडम ने धन्यवाद ज्ञापन किया। इस संगोष्ठी को सफल बनाने के लिए महाविद्यालय प्रशासन, प्राचार्या, डॉ. दीपा शर्मा एवं कॉलेज के अनेक प्राध्यापकों – डॉ अरुण कुमार मिश्रा, डॉ महेंद्र गुहा, डॉ मनोज मिश्रा, डॉ राजेश छेड़ा, श्रीमती सीमा दलवी, श्रीमती सोनिया राने, श्रीमती हेमा मुकने एवं श्री भाविन जोशी का महत्त्वपूर्ण योगदान रहा।

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