रिपोर्ट: रामकृष्ण पाण्डेय
भक्तिमय आयोजनों से क्षेत्र गुंजायमान
सीतामढ़ी/भदोही धार्मिक व पौराणिक नगरी तथा पर्यटन स्थली सीतामढ़ी में लवकुश जन्मोत्सव के अवसर पर नौ दिनी अखिल भारतीय राष्ट्रीय रामायण मेले का भव्य पदार्पण शनिवार सुबह 11 बजे गाजे-बाजे व वैदिक मंत्रोच्चार के बीच गंगा पूजन एवं देवी देवताओं के पूजन तथा व्यास पीठ पर मुख्य अथिति रूद्रपति दूबे प्रधान बारीपुर के द्वारा दीप प्रज्वलन के साथ हो गया। उपस्थित भक्तगण गंगा किनारे से जयकारा लगाते हुए कथास्थल लवकुश इण्टर कालेज प्रांगण में पहुंचे तो नगरी गुंजायमान हो उठी। उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए श्री दूबे ने कहा कि माँ जानकी का जीवन चरित्र त्याग, निष्ठा, श्रद्धा व शील की पराकाष्ठा से भरा पड़ा है तो श्री राम मर्यादा व सत्य की प्रतिमूर्ति हैं जो समूचे जगत के लिए प्रेरणादायी है। जो भी उनके व्यक्तित्व को अपने जीवन में उतार लेता है उसका बेड़ा पार हो जाता है।
वहीं लवकुश इंटर कॉलेज के प्रांगण में भक्तों को कथा श्रवण कराते हुए पं. मनोज शास्त्री ने भगवान राम के जीवन काल पर संक्षिप्त प्रकाश डाला। कहा कि श्रीराम को भरत के लिए आदर्श भाई, हनुमान के लिए स्वामी, प्रजा के लिए नीति-कुशल व न्यायप्रिय राजा, सुग्रीव व केवट के परम मित्र तथा सेना को साथ लेकर चलने वाले व्यक्तित्व के रूप में जाना जाता है। भगवान राम विषम परिस्थितियों में भी नीति सम्मत रहे। उन्होंने वेदों और मर्यादा का पालन करते हुए सुखी राज्य की स्थापना की।
उल्लेखनीय है कि पुरातन समय से चले आ रहे नौ दिवसीय मेले का 21 जुलाई को विशाल मेले के साथ समापन हो जाएगा। मेले में झूला, मौत का कुआं इत्यादि जहां मेले में आने वाले लाखों बच्चों व बड़ों का मनोरंजन करेंगे वहीं विभिन्न प्रकार की छोटी-बड़ी दुकानें लोगों के लिए खरीददारी का केंद्र रहेंगे। सुरक्षा की दृष्टि से स्थानीय पुलिस चक्रमण करती रहेगी तो पीएसी बल को भी सुरक्षा की दृष्टि से तैनात कर दिया गया है। भीड़ बढ़ने के साथ एम्बुलेंस व फायर ब्रिगेड वाहन भी मेले में मौजूद रहेगी। वहीं मेला क्षेत्र में प्रशासन के तरफ से मूलभूत सुविधाएं जैसे बिजली-पानी आदि की व्यवस्था पूर्णतया नदारद हैं। इस मौके पर मेला समिति के अध्यक्ष उमाशंकर शुक्ल मुन्ना पाण्डेय श्यामजी सेठ हरिप्रसाद मिश्र राजधर मिश्र हौसिला प्रसाद मिश्र लालमणि मिश्र जिला द्विवेदी दरोगा पाण्डेय सहित बड़ी संख्या में पदाधिकारी व श्रद्धालु मौजूद रहे।
इसे भी पढ़े : धर्म की परिभाषा