ठाणे। भारतीय जनभाषा प्रचार समिति (बहुभाषी काव्य गोष्ठी) व अखिल भारतीय साहित्य परिषद महाराष्ट्र ठाणे के तत्वावधान में कल दिनांक 31 अगस्त 2019 शनिवार सायं एक शानदार साहित्यिक गोष्ठी का आयोजन हुआ। सबसे पहले परम आदरणीय नंदकिशोर नौटियाल जी, आ.कैलाश गुप्त जो वर्षौं काव्यकुंज के माध्यम से मुंबई में हिंदी भाषा की सेवा के प्रति कृत संकल्प रहे और गोरेगांव में हिंदी काव्य सम्मेलनों द्वारा साहित्य की अलख जगाने वाले आ.मूदचंद निहलानी जी को संस्था की तरफ से भावभीनी श्रद्धांजलि प्रदान की गयी।
कवि-श्रेष्ठ भुवनेन्द्र सिंह बिष्ट जी ने आ.नौटियाल जी की ब्लिट्ज के प्रति समर्पित सेवाओं का जिक्र किया।महान संपादक परम श्रेष्ठ आर के करंजिया के विश्वप्रसिद्ध पत्रकारिता की सेवा और एक उद्दात्त चरित्र का परिचय दिया। श्री अरोरा त्रिलोचन सिंह ने आ. मूलचंद निहलानी के साहित्यिक जीवन पर प्रकाश डाला। श्रीमती रेखा किंगर रोशनी ने नौटियाल जी और कैलाश गुप्त जी को शब्द-सुमन अर्पित किया। अंत में सभी कवियों ने मौन रहकर श्रद्धांजलि दी। गोष्ठी का सफल संचालन उभरते कवि उमेशचंद्र मिश्र ने किया।उमेश जी एक सधे हुए मंचीय कवि तो हैं ही उनमें एक उत्कृष्ट और सफल संचालक के सभी गुण मौजूद हैं। कल का संचालन आजतक के किए गये सभी संचालनों में श्रेष्ठ रहा।
कविता का आगाज़ एक नौजवान गीतकार से हुई जिसकी लेखनी और सुर का तालमेल अजीबोगरीब है। सहजता और
देशप्रेम से सराबोर कल्पेश यादव के गीत भविष्य की संभावनाओं की ओरअपने आप इशारा करते हैं। सुंदर गीत से आगाज हुए काव्य-गोष्ठी का अंत..भला तो होना ही था। कुल 25 कवियों ने गोष्ठी में भाग लिया। खुराना जी, बिष्ट जी, आर एल सिंह, अरोरा त्रिलोचन, रेखा किंगर रोशनी, नज़र भाई, ठक्कर, राहीअनिलकुमार, ऐड.अनिल शर्मा, कुलदीप सिंह ‘दीप’, उमाकांत, शुक्ल जी, शारदा प्रसाद दूबे इत्यादि कवियों ने उत्तम रचनाओं का पाठ किया। गोष्ठी की अध्यक्षता नागेन्द्रनाथ गुप्त, विशेष अतिथि: अनिल कुमार राही एवं श्रीनाथ शर्मा रहे।अंत में रघुवंशी जी ने आभार प्रकट कर राष्ट्रीय गीत से कार्यक्रम का समापन किया।