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हरि अनंत हरि कथा अनंता

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हमार पूर्वांचल
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रिपोर्ट: दिनेश तिवारी

सुरत धर्मों रक्षति रक्षितः के तत्वाधान में आयोजित नौ दिवसीय श्री राम कथा के कल विश्राम दिन श्रोतागण उस समय खुद को झूमने से और अश्रुधारा बहाने से नहीं रोक सके जब श्री राम चन्द्र जी, सीता माता और लक्ष्मण जी के साथ अयोध्या वापस आते हैं।

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आज की कथा के प्रारंभ में श्री हनुमान जी सीता की खोज करते हुए, समुन्द्र के किनारे पहुंचते हैं जहां गिद्धराज जटायु का भाई सम्पाति उन्हें माता सीता जी के विषय में बताता है। जामवंत जी हनुमानजी को उनके बल की याद दिलाते हैं और हनुमान जी विशाल शरीर रूप धारण कर माता जी की खोज के लिए लंका को निकलते हैं। सुरसा सभी विघ्नों को पार करते हुए हनुमान जी लंका में प्रवेश करने के पहले लंकिनी को ब्रह्म लोक का रास्ता दिखाते है। नगर प्रवेश करते ही रावण पुत्र अक्षयकुमार को यमपुरी भेज देते हैं। विभीषण के दर्शन के बाद माता सीता का दर्शन करते हैं और फिर लंका को एक प्रकार से विध्वंस कर देते हैं।

वापस आ कर सब प्रभु श्रीराम को सुचना देते हैं और आशिर्वाद प्राप्त करते हैं।

प्रभु कर पंकज कपि के सीसा, सुमिरि दसा मगन गौरीसा।

लंका में विभीषण ने रावण को समझाया किन्तु विभीषण को लंका छोड़ने पर मजबूर होना पड़ा।

विभीषण जी भगवान श्रीराम चन्द्र की शरण में आते हैं।

नल नील को मिले श्राप के कारण जल में पत्थर डूबते नहीं, और उसी से समुन्द्र पर पुल बनता है। श्री रामेश्वर की स्थापना के पश्चात कपि सेना समुन्द्र पार करती है। एक बार पुनः रावण को समझाने के लिए अंगद जाते हैं, किन्तु रावण सभी बातों को नकार देता है।

युद्ध प्रारंभ होता है और 72 दिनों तक चलता है। एक-एक कर सभी राक्षसों का भगवान संघार करते हैं।

रावण परम ज्ञानी था अतः मृत्यु के समय श्रीराम जी लक्ष्मण को सीखने के लिए रावण के पास भेजते हैं।

माता सीता जी को हनुमान जी लेकर आते हैं।  तथा पुष्पक विमान से सभी लोग अयोध्या की तरफ रवाना होते हैं। रास्ते में प्रयागराज का दर्शन कर फिर निषाद राज को प्रभु दर्शन देते हैं।

उधर भरत व्याकुल होते हैं कि 14 वर्ष पूर्ण होने में केवल एक दिन बाकी है किन्तु अभी तक भईया श्री राम की कोई ख़बर नहीं मिली। तभी हनुमानजी ब्राह्मण वेश में पहुंच कर श्री राम आगमन की सूचना देते हैं और भरत जी को जीने का आधार मिलता है।

जैसे ही श्री राम जी भगवान अयोध्या में प्रवेश करते हैं, पूरी अयोध्या नगरी प्रेमाश्रु में डुबने लगती है। सभी एक दुसरे को बधाई देते हुए गले लगाते हैं और श्री राम को प्रणाम करते हैं।
गुरु वशिष्ठ जी श्री राम चन्द्र जी का तिलक लगा कर स्वागत करते हैं।

प्रभु श्री राम के अयोध्या पहुंचने पर पूज्य गुरुदेव संगीतमय कथाकार श्रद्धेय श्री बाल मुकुंद जी महाराज के सुन्दर भजन “भोले नाथ से निराला, कोई और नहीं” पर सभी मंत्रमुग्ध हो गए।

आज विश्राम दिन था, अतः कथा के पश्चात हवन और तत्पश्चात विशाल भण्डारे का आयोजन किया गया था तथा सभी भक्त गण कथा श्रवण करने के बाद महा प्रसाद ग्रहण कर, प्रभु के कथा का गान करते हुए अपने अपने घर को प्रस्थान किए।

धर्मों रक्षति रक्षितः समाज को धर्म के प्रति जागरूक करने की कोशिश कर रही है और प्रत्येक शनिवार को जागरूकता अभियान जारी रखने के लिए सुन्दर काण्ड पाठ का आयोजन करती है।

धर्मों रक्षति रक्षितः मंच से जुड़े सभी लोगों को इस सुन्दर राम कथा के आयोजन के लिए क्षेत्र की तमाम जनता द्वारा कोटि-कोटि धन्यवाद।

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पूज्य गुरुदेव श्री बाल मुकुंद जी, श्री राम कथा सुनाते हुए

पूज्य गुरुदेव संगीतमय कथाकार श्रद्धेय श्री बाल मुकुंद जी महाराज की कथा सुनकर सभी राम मय हो गए और लोगों ने प्रभु पूज्य गुरुदेव संगीतमय कथाकार श्रद्धेय श्री बाल मुकुंद जी महाराज जी से पुनः आगमन की प्रार्थना की तथा पूज्य गुरुदेव संगीतमय कथाकार श्रद्धेय श्री बाल मुकुंद जी महाराज ने स्वीकार कर सब को अनुग्रहित किया।


जय श्री राम
जय जय श्री राम

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