हर जगह भांग नहीं गांजा ही बिकता है साहब
अभी तक कहीं से एक दो पुड़िया गांजा पकड़कर खानापूर्ति कि लिये मुसहरों को जेल भेजने वाली पुलिस ने एक भांग की दुकान के सेल्समैन को जेल भेजा तो सहज ही दिमाग में आया कि जब सब जगह भंग की जगह गांजा ही बिकता है तो यह दिखावा क्यों।
बता दें जिले में भांग की दुकान का ठेका लेने के लिये बड़े पैमाने पर कसरत की जाती है। बड़ी मुश्किल से किसी को भांग का ठेका मिल भी जाता है तो यदि वह इमानदारी से दुकानों पर सिर्फ भांग ही बेचने लगे तो ठेेकेदार बेचारे का दिवाला निकल जायेगा।
जनपद में लगभग हर बाजार और चट्टी चौराहों पर भंग की दुकानों के बोर्ड भले ही लगे हों किन्तु उन दुकानों में गांजा ही बिकता है।
कहा जा रहा है कि मादक पदार्थों की रोकथाम के लिये पुलिस अधीक्षक के निर्देश पर कार्रवाई हो रही है, फिर एक दुकान के सेल्समैन को जेल भेजकर जिला पुलिस क्यों अपनी पीठ थपथपा रही है।