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यहाँ रावण वध पर फूटे खूब पटाखे तो श्रीराम के राजतिलक पर बाँटे गये खूब मिठाईयाँ

हमार पूर्वांचल
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कल्याण :पूर्व में अवध रामलीला संस्था के द्वारा आयोजित दस दिवसीय रामलीला पाठ महोत्सव का समापन 30 अक्टूबर सोमवार को रात तकरीबन 10 बजे हुआ।
बता दें कि 28 अक्टूबर के दृश्य में दिखाया गया था कि हनुमान जी सजीवन बूटी लाने हेतु द्रोणाचल पर्वत पर गये थे एवं वहां से तमाम कष्टो का सहन कर सूर्योदय से पहले ही आकर सजीवन बूटी वैद्य राज को सुपूर्द कर दिए, जिनके प्रभाव से लक्षमण की चेतना जाग पङी।

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बतातें चलें कि पुनः लक्ष्मण एवं मेघनाथ में युद्ध हुई जिसमें मेघनाथ को वीरगती की प्राप्ति हुई। फिर भी रावण अपनी हठ का त्याग नही किया और कुंभकरण को जंग के मैदान में भेजा जिसका भी भगवान श्रीराम के आगे एक न चला और वह भी परलोक सिधार गया।
इसके बाद रावण स्वयं श्री राम से युद्ध करने आया और भगवान के हाथो मारा गया।

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दृश्य :रावण का वध

आखिरकार सत्य की विजय हुई और खुशी मे मारे लोग जमकर बम पटाखो फोङे तथा आतिशबाजियाँ की।
गौरतलब हो कि संस्था के तरफ से चौदह वर्ष का वनवास पुर्ण करने के पश्चात अयोध्या आने हेतु रथ की व्यवस्था करायी गयी थी जिसपर सबसे पहली पंक्ति मे हनुमान जी किनारे के तरफ बैठ जय श्रीराम के उदघोष लगाए जा रहे थे जबकि उनके ठीक तनिक ही पीछे राम लक्षमण एवं सीता वे सभी बैठे आ रहे थे जिनलोगो के आने के इंतजार में हजारो लोग फूल मालाऐं लिए टकटकी लगाए थे। कुछ लोग तो मंगल गान में तल्लीन दिखें।

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रामजी की सवारी
रामजी की निकली सवारी
रामजी की लीला है न्यारी।
एक तरफ लक्षमण और दूजा तरफ सीता
बीच मे बैठे जगत के पालनहारी।
रामजी की निकली सवारी रामजी की लीला है
न्यारी-न्यारी।

इसी मंगलगान एवं जयकारो के बाद इन सबका राज तिलक हुआ जिसके उपलक्षय में जिसके उपलक्ष में जमकर मिठाईयाँ भी बाँटी गयी।  जिन रामलीला पाठ प्रसंगो का समापण संस्था के अध्यक्षयीय भाषण के साथ हुआ जिन्होने उन तमाम प्रशासनिक अधिकारियो, उद्योगपतियो एवं दानदाताओ को आभार प्रकट किए जिन सबके सहयोग के बदौलत ही इतना बङा 6 वें वर्ष का भव्य आयोजन धूमधाम से संपन्न हुआ। इस अवसर पर अवध रामलीला संस्था के सभी सदस्यगण, उद्योगपती एवं समाज सेवक विजय मिश्रा, बी जे पी के क्षेत्रीय प्रभारी संदीप सिंह,के अलावा हजारो रामभक्त भी उपस्थित थे।

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