मुम्बई, सांताक्रुज (पूर्व) परम हॉउस में युग प्रवर्तक साहित्य संस्थान द्वारा मासिक काव्य संध्या का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता हौशिला अन्वेषी ने की जिन्होंने दिवंगत नामवर सिंह, खन्ना मुजफ्फरपुरी एवं ऊषा किरण मिश्र पर वक्तव्य दिया व सभी उपस्थित लोगों ने दो मिनट मौन रहकर दिवंगत लोगो को श्रध्दा सुमन अर्पित किया.
इस अवसर पर कार्यक्रम संयोजक/संचालक दिनेशचन्द्र मिश्र ‘बैसवारी’ ने होली का फाग प्रस्तुत किया जिसका सभी ने सामूहिक रूप से साथ दिया। नेवटियाजी अस्वस्थ होने पर भी कार्यक्रम में उपस्थित हुए और लतीफों से सभी को लोट-पोट कर दिया तथा समापन आभार भी व्यक्त किया।
कविता पाठ करने वाले कवियों में घायल कानपुरी, एन.बी.सिंह नादान, सतीश शुक्ल रकीब, वरिष्ठ शायर माहिर निजामी, माँ शशिजी, मृदुल तिवारी, रेशमा शेख, गणपति झा, श्रीनाथ शर्मा, गोपीकृष्ण बूबना, रमेश श्रीवास्तव, श्रीराम शर्मा, अभय चौरसिया, बी.एल शर्मा कुंवारा, शोभा स्वप्निल, नजमा मोभ, अल्का जैन, जाकिर रहबर, सूर्यकांत शुक्ल, जवाहरलाल निर्झर, आलोक राजपूत, रवि यादव व शिवकुमार वर्मा आदि थे।
कविवर बैसवारी जी ने फगुवा सुनाकर सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया। बक्सर मा भगदड़ भय भारी….व अवध मा राना भये मर्दाना आदि (बैसवारी अवधी )
अंत में आयोजक बैसवारी जी ने आये हुए सभी अतिथियों को धन्यवाद देकर आभार प्रकट कर गोष्ठी का समापन किया।