औराई से विमलेश दूबे
कहते हैं जिंदगी और मौत का कोई भरोसा नहीं होता है। जब जहां जो भी निर्धारित होता है वह होकर ही रहता है। जीवन में कब किससे मिलना है और कब बिछुड़ जाना है। सब पूर्व निधारित होता है। शायद यहीं हुआ पान कुमारी के साथ जो अपने पति की बात नहीं मानी और सुबह ही घर से निकल गयी और मौत के आगोश में समा गयी।
बता दें कि जौनपुर के रामपुर थानान्तर्गत गंधौना गांव निवासी गिरीश दूबे मीरजापुर में रेलवे विभाग में नौकरी करते थे। वहीं पर अपनी पत्नी पानकुमारी और पुत्र सुमित के साथ रहते थे। गांव में कुछ प्रोग्राम था। इस लिए पति का इंतजार न कर बेटे के साथ जौनपुर के लिए सुबह निकल गया। पति से बात होने पर बोली कि धूप होने तक हम घर पहुंच जायेंगे। आप बस से आराम से आना, लेकिन उगापुर में मौत इन्जार कर रही थी पति के लिए खाना बनाकर बेटे को खाना खिला कर पड़ोसी को घर की चाभी दिया और सुबह 7 बजे उगापुर नहर के पास बाइक का पहिया गढ्ढे में चला गया और उछलकर सड़क पर गिर पड़ी। इसके बाद पीछे से आ रही ट्रक के पहिये के नीचे आ गयी। सुमित 20 वर्ष भी बगल में गिर गया। मां के शव को देखा सुमित विक्षिप्त सा हो गया और शव से चिपक कर रोते रोते बेहोश हो गया। उसका इलाज एक प्राइवेट हॉस्पिटल में चल रहा है। सूचना पर कोतवाल सुनील दत्त दुबे एसडीम औराई सीओ रामकरन सब पहुच गए। ट्रक को कब्जे में लेकर पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर लिया है। पति गिरीश दूबे का कहना है कि यदि वह उनकी बात मानकर साथ में आती तो शायद आज जिन्दा होती।