भदोही। नगर में जाम की समस्या के लिए गजिया ब्रिज निर्माण बेहद जरुरी है। जो अब तक अधर में लटका है।समझ में नही आ रहा है कि आखिर जनप्रतिनिधि व प्रशासन इस मामले में उदासीन रवैया क्यों अपनाए हुए है।
उल्लेखनीय है कि 2012 से पूर्व नगर के जाम की समस्या व ब्रिज निर्माण चुनावी मुद्दा हुआ करता था।2012 में सपा सरकार बनने के बाद नगर में दो फ्लाई ओवर निर्माण को मंजूरी 2014 में मिली।निर्माण कार्य शुरु हुआ उत्तर प्रदेश राज्य सेतु निगम व रेलवे कार्यदाई संस्था को अपने अपने हिस्से के निर्माण की जिम्मेदारी मिली।2017 पुनः चुनाव का समय आ गया। इंदिरामिल फ्लाई ओवर का सेतु निगम की ओर से कार्य पूरा हुआ। नगर के आधा जाम की समस्या खास कर चौरी रोड से रेवडा से रजपुरा चौराहे तक बडे वाहनों का दबाव वाली समस्या समाप्त हुई।लेकिन गजिया का फ्लाई ओवर जो सेतु निगम के हिस्से का 70 प्रतिशत कार्य पूरा हुआ लेकिन सत्ता परिवर्तन के बाद निर्माण कार्य ठप हो गया। आज भी निर्माण कार्य का इंतजार हो रहा है।
ज्ञात हो कि गजिया ब्रिज निर्माण में सभी पीलर बन गया है। औराई रोड की ओर पूल को सडक से मिला भी दिया गया है।अब नगर पालिका की ओर पूल को सडक से मिलाना है।कार्य यदि शुरु हो तो संभवत 6 माह में कार्य पूरा हो जाय लेकिन कब कार्य शुरु होगा हर किसी के जुबान का सवाल तक ही सीमित है। नगर के जनता का कहना है कि गजिया रेलवे फाटक प्रति दिन 24 घंटे में 54 बार से अधिक बार बंद होता है। फाटक खुलने में कम से कम दस मीनट लगता है।इस मार्ग पर यातायात का दबाव भी अधिक है। समस्या बडी है। अधर में निर्माण है।नगर के विकास का पहिया ठप है।जनता की यही पुकार है कि गजिया फ्लाई ओवर निर्माण के प्रति जनप्रतिनिधि व अधिकारी गम्भीर हो जाये लाखों जनता की भावनाओं को ध्यान में रख कर निर्माण कार्य शीघ्र शुरु कराए।