जौनपुर के मूल निवासी विग्नेश प्रतिभाशाली क्षात्र होते हुये भी गुमनामी की जिन्दगी जी रहा किन्तु हमार पूर्वांचल की खबर ने विग्नेश की जिन्दगी बदल दी है। कभी उसकी प्रतिभा को उसके आसपास के लोग भी नहीं जानते थे किन्तु आज सूरत में विग्नेश को जानने वालों की एक लंबी फेहरिश्त बन चुकी है। शुक्रवार को विग्नेश पाठक को अंधजन शाला सूरत द्वारा एक बड़े सम्मान समारोह में फिर से सम्मानित किया गया ।
एक बार फिर बता दें कि विग्नेश पूर्वान्चल के जौनपुर के इटहा गांव के मूलतः निवासी है जो अपने माता- पिता के साथ सूरत के बेसु क्षेत्र में रहते है। जो इस साल गुजरात बोर्ड परीक्षा के 10वी कक्षा में दिव्यांगों में गुजरात में प्रथम स्थान लाये वो भी गणित जैसे कठिन विषय मे जबकि विग्नेश जन्म से ही आँखों से दिव्यांग है ।
गणित जैसे कठिन विषय को लेकर वो भी जो सिर्फ कल्पना करके अच्छे से अच्छे विद्यार्थी के आँखे खुली की खुली रह जाती है, लेकिन विग्नेश को लाख मना करने के बाद अपने जिद पर गणित विषय को चुना और उसे अच्छे मार्क्स से हासिल भी किये।
सम्मान समारोह में उपस्थित अतिथियों ने विग्नेश की प्रतिभा का गुणगान किया। सम्मान समारोह में आनंद भाई चोखा वाला (प्रमुख अंधजन शाला सूरत), आर डी पटेल (रिटायर्ड कलेक्टर), एच आर जोशी (भूत पूर्व प्रमुख अंधजन शाला सूरत), जयंत चौकसी (सेक्रेटरी), जितेंद्र दलिया (वाइस प्रेसिडेंट), मनीषा गज्जर (प्रिंसिपल अंध जन शाला सूरत) एवम शिक्षक गण मौजूद रहे।
इस मौके पर विग्नेश को पुनर्वसन सहायता के लिए आर्थिक मदद दी गयी। साथ ही 12वीं पास करने तक स्कूल तक में ही रहना खाना एवम ट्यूशन की व्यवस्था दी गयी। समाजसेवी सिराज बसरायी जी की तरफ से गुजरात में प्रथम आने के लिए 7000 रूपये का पारितोषिक दिया गया। शकुंतला बेन की तरफ से 1000 रूपये का पुरस्कार, राम बालकृष्ण की तरफ से 1000 रूपये का पुरस्कार तथा पुनर्वशन पारितोषिक के अंतर्गत विग्नेश की 12वीं के बाद रहने के लिए घर की व्यवस्था विद्यालय ट्रस्ट की ओर से ही होगी ।
इस मौके पर अतिथियों ने विग्नेश की प्रतिभा को सबके सामने आने के लिये हमार पूर्वांचल की भूरि भूरि प्रशंसा की गयी।
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