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यदि भरत जैसा भाई चाहते है तो पहले राम जैसा बनें- निर्मल शरण जी महराज

हमार पूर्वांचल
निर्मल शरण जी महराज

भदोही : ज्ञानपुर में स्थित मुखर्जी पार्क में चल रही श्रीराम कथा के संगीतमय प्रवचन में अयोध्या से पधारे स्वामी निर्मल शरण महाराज ने रविवार को प्रवचन में बताया कि आज के भाई-भाई में वैमनस्यता का भाव जग गया है। जहां भी देखो भाई-भाई आपस में लड़ रहे हैं एक समय था लोग कहते थे सबसे बड़ा दुश्मन पड़ोसी होता है लेकिन आज देखने में यह आता है कि सबसे बड़ा दुश्मन अपना सगा भाई ही हो गया है। भगवान राम के जीवन से हमें शिक्षा लेनी चाहिए भगवान राम जब भाइयों के साथ खेलने जाते थे तो जानबूझकर हार जाते थे जब घर लौटते थे तब भरत, लक्ष्मण, शत्रुघ्न बड़ी खुशी से माताओं से कहते कि मैया आज बड़े भैया हम से हार गए। यह बात सुनकर सबसे ज्यादा खुशी राम जी को होती थी।आज का बड़ा भाई अपने छोटे भाइयों को आगे बढ़ते हुए नहीं देख पा रहा है। महाराज जी ने बतलाया कि श्री राम कथा से हमें सीख लेनी चाहिए हम भाइयों में प्रेम भाव होना चाहिए। आज समाज में बड़ा भाई जहां भी जाता है यही कहता है कि भाई हो तो भरत जैसा। स्वामी जी ने कहा अगर बड़ा भाई राम की भूमिका निभाएगा तो छोटा भाई भरत की भूमिका निभाने को मजबूर हो जाएगा और जब बड़ा भाई रावण की भूमिका निभाएगा तो भरत जैसे भाई के अपेक्षा कहां से करेगा? यदि परिवार में प्रेम हो तो नमक रोटी में भी स्वाद होता है और प्रेम ना हो तो पकवान का स्वाद भी फीका लगता हैं। घर में लगी आग को समाज बुझा सकता है लेकिन घर वालों में लगी आग को कोई नहीं बुझा सकता। उसे आपसी सामंजस्य से ही बुझाया जा सकता है। इसलिए हमें परिवार में प्रेम से रहना चाहिए। आज की मुख्य आरती में डॉक्टर विनोद सिंह, मनोज तिवारी, डी.एन उपाध्याय, के.एस उपाध्याय, अज्जू सभासद, शुभम सिंह इत्यादि भक्त उपस्थित रहे।

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