Home ज्योतिष यदि राजनीति में है रूचि तो कीजिए यह विशेष अनुष्ठान

यदि राजनीति में है रूचि तो कीजिए यह विशेष अनुष्ठान

नवरात्र यानी इन नौ दिन में जातक उपवास रखकर अपनी भौतिक, शारीरिक, आध्यात्मिक और तांत्रिक इच्छाओं को पूरा करने की कामना करता है। इन दिनों में ईश्वरीय शक्ति उपासक के साथ होती है और उसकी इच्छाओं को पूरा करने में सहायक होती है। शारदीय नवरात्र में घर में पूजन करने से घर की नकारात्मक ऊर्जा खत्म होती है और घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। इस दौरान पूजा करने वाले साधकों को नियमों का कठोर पालन करना अनिवार्य है।

ज्योतिषाचार्य पंडित अतुल शास्त्री का कहना है, ”नवरात्र माँ आदिशक्ति कि आराधना सहित विशेष कार्यसिद्धि का भी विशेष पर्व है. इस दौरान कुछ लाभकारी अनुष्ठानों के ज़रिये आप अपने जीवन में खुशियाँ ला सकते हैं. उदाहरण के तौर पर यदि आपका विवाह नहीं हो रहा है या आप वैवाहिक जीवन में सुखी नहीं है. वैवाहिक जीवन में समस्या के कई कारण हो सकते हैं जैसे कुंडली का ना मिलना, ग्रह गोचर की ख़राब दशा में विवाह होना, शनि साढ़े साती या नाडी दोष होना क्लेश का कारण हो सकते हैं. ऐसी स्थिति में यदि आप स्थिति को नियंत्रित नहीं कर पा रहे हैं तो “माँ कात्यायनी का अनुष्ठान” बहुत लाभकारी है।

यदि संतान प्राप्ति में कठिनाई हो रही है या फिर बार बार प्रयास के बाद भी असफलता प्राप्त हो रही है तो कुंडली की जाँच कराएं और “बाधक ग्रह की शांति” कराएं. साथ ही “स्कंद माता का अनुष्ठान” बहुत लाभकारी अनुष्ठान है. ऐसा देखा गया है कि इस अनुष्ठान से कई बार कुंडली में संतान योग ना होने पर भी संतान सुख मिल जाता है।

जो व्यक्ति राजनैतिक महत्वकांक्षा रखते है और गृह गोचर उनका साथ नहीं दे रहे है तो “माँ भगवती विश्वेश्वरी ” का अनुष्ठान कराएं. यदि चुनावलड़ रहे है तो “माँ अपराजिता का अनुष्ठान ” कराएं. यदि आप शत्रु बाधा से परेशान है और आपका जीवन कठिन हो गया हो तो “माँ बंगलामुखी का अनुष्ठान” कराएं.

यदि आप निरपराध है या कारावास का भय है तो “बंदीदेवी का अनुष्ठान “कराएं. जीवन में धन धान्य, उन्नति, ऐश्वर्य, समृद्धि के लिए “माँ लक्ष्मी अनुष्ठान ” या “कुबेर लक्ष्मी का अनुष्ठान” कराएं।

इस बात का ख़ास ख्याल रखें कि यदि आप जीवन में समस्या का समाधान या जीवन में परिवर्तन चाहते हैं तो इसका कोई छोटा मार्ग नहीं है। इसके लिए विशेष योग, विशेष प्रयास और समय की आवश्यकता होती ही है॥ इससे बड़ी से बड़ी समस्या का समाधान किया जा सकता है क्योंकि यह सभी अनुष्ठान अत्यंत सुख परिणाम देने वाले है।” इन अनुष्ठानों के अलावा कुछ टोटके या उपाय भी हैं जिनका नवरात्री के दौरान प्रयोग कर खुशहाली पाई जा सकती है। इसके बारे में हमें बता रहे हैं ज्योतिषाचार्य पंडित अतुल शास्त्री, जो इस प्रकार है।

(1) राजनति से जुड़े या राजनीती में जाने की इच्छा रखने वाले लोगों को नवरात्रि के दौरान सूर्य उपासना अवश्य करनी चाहिये वह आदित्य हृदय स्तोत्र का रोज पाठ करें। जो इस प्रकार है:
सूर्य को रोज जल अर्पित करें।
ॐ घृणि सूर्याय नमः का जाप करें।

(2) जिन लोगो की कुंडली में सूर्य नीच राशि (तुला) में हो राहु से पीड़ित हो अष्टम भाव में हो या अन्य प्रकार पीड़ित हो तो राजनीति में सफलता नहीं मिल पाती या बहुत संघर्ष बना रहता है। शनि पीड़ित या कमजोर होने से ऐसा व्यक्ति चुनावी राजनीति में सफल नहीं हो पाता, कमजोर शनि वाले व्यक्ति की कुंडली में अगर सूर्य बलि हो तो संगठन में रहकर सफलता मिलती है। नवरात्रि को माँ दुर्गा के साथ बजरंग बलि की पूजा विशेष फलदायी है। इस दिन जो भी भक्त हनुमान चालीसा का पाठ करता है या सुंदरकांड का पाठ करता तो उसे शनिदेव जी का भी साथ मिलता हैं। अत: इस बार राजनीति में सफलता का स्वाद चखनेवालों को यह उपाय अवश्य आज़माना चाहिए।

(3) इसके अलावा कारोबार की परेशानियों से निजात पाने के लिए नवरात्र के शनिवार को सूर्योदय के पहले पीपल के ग्यारह पत्तें लेकर उन पर राम नाम लिख कर इन पत्तों की माला बनाकर इसे हनुमानजी को पहना दें। इससे कारोबार की सभी परेशानियाँ दूर हो जाएंगी। यह प्रयोग बिलकुल चुपचाप करें।

(4) यदि किसी जातक का लाख प्रयासों के बावजूद भी कर्जे से पीछा नहीं छुट रहा है तो वह नवरात्री में माँ के श्री चरणों में 108 गुलाब के पुष्प अर्पित करें। प्रात: माता की पूजा के समय सवा किलो साबुत लाल मसूर लाल कपड़ें में बांधकर अपने सामने रख दें। घी का दीपक जलाकर माता के किसी भी सिद्ध मंत्र का 108 बार जाप करें। पूजा समाप्त होने के पश्चात मसूर को अपने ऊपर से 7 बार उसार कर किसी भी सफाई कर्मचारी को दान में दे दें। इससे माता की कृपा से कर्जें से छुटकारा मिलने का रास्ता बनने लगेगा।

(5) यदि किसी व्यकित के ऊपर कर्ज है और लाख चाहने के बाद भी उतर नहीं पा रहा है तो वह जीवन भर का एक नियम बना ले कि उसे नित्य चींटीयों को शक्कर मिलाकर आटा / या पंजीरी ( आटे में चीनी को भून कर ) किसी पेड़ के नीचे या जहाँ पर चींटियों का बिल है वहाँ पर डालना है । इस प्रयोग को लगातार करते रहने से कर्ज समाप्त हो जाता है फिर इतनी आमदनी होने लगती है कि कर्ज को भविष्य में लेने की जरूरत ही नहीं रहती है। इस प्रयोग को अगर किसी शुभ मुहूर्त, नवरात्र में किया जाय तो इसका शीघ्र ही फल मिलता है ।

(6) नवरात्रि में दिल खोलकर आप अपनी श्रद्धा और सामर्थ्य के अनुसार दान पुण्य करें। इन दिनों आपके द्वारा दान पुण्य करने से उसका अक्षय फल प्राप्त होता है । आप प्रतिदिन छोटी कन्याओं को कोई न कोई उपहार अवश्य दें। अपने माता पिता, बहन-भाई और पत्नी को भी कोई न कोई उपहार देकर चकित जरुर करते रहें, गरीब और असहाए की मदद करने का मौका तो बिलकुल भी न गवाएं। यकीन मानिये उन सभी के मुख से आपके लिए शुभ वचन निकलते ही रहेंगे ।

(7) आपने माता का आह्वान किया है उन्हें अपने घर में बुलाया है इसलिए सुबह शाम जो भी घर में भोजन बनायें सबसे पहले उसका देवी माँ को भोग लगायें उसके बाद ही घर के सदस्य उसका सेवन करें याद रहे माता या किसी भी मेहमान को भूखा न रखें।

(8) नवरात्र में आप अनावश्यक व्यय से बचें लेकिन यदि संभव हो तो इन दिनों सोने चाँदी के गहने, कपड़े, बर्तन आदि कुछ न कुछ नया सामान अपनी सामर्थ्य के अनुसार अवश्य ही खरीदें तथा इसे उपयोग में लाने से पहले माता के चरणों में लगायें। इससे घर में सुख सौभाग्य आता है स्थाई संपत्ति का वास होता है।

(9) घर के छोटे बच्चो विधार्थियों से माता दुर्गा को केले का भोग लगवाएं फिर उनमे से कुछ केले दान में दे दें एवं बाकी केलो को प्रसाद के रूप में घर के लोग ग्रहण करें इससे बच्चों की बुद्धि का विकास होता है।

(10) नवरात्र में दो जमुनिया रत्न लेकर उसे गंगा जल में डुबोकर घर के मंदिर में रखे फिर हर शनिवार को माता दुर्गा का स्मरण करते हुए उस जल को पूरे घर में छिड़क दें, घर के सदस्यों के बीच में प्रेम बड़ने लगेगा। इसके बाद पुन: इन रत्नों को गंगा जल में डुबोकर मंदिर में रख दें। इस प्रयोग को नवरात्र से ही शुरू करें तो अति उत्तम है। नवरात्र में एक नए झाड़ू की दो सीकों को उल्टा सीधा रखकर नीले धागे से बांधकर घर के नैत्रत्य कोण ( दक्षिण पश्चिम हिस्सा ) में रखने से पति पत्नी के मध्य प्यार बड़ता है।

(11) नवरात्र के सोमवार और शनिवार के दिन शिवलिंग पर काले तिल और जल चढ़ाएं यह उपाय बीमारियों से मुक्ति दिलाने वाला बहुत सरल और कारगर उपाय है।

(12) नवरात्री की सप्तमी के दिन माँ कालरात्रि की पूजा की जाती है । माँ कालरात्रि की कृपा के लिए दुर्गा सप्तशती के 7वें और 10 वें अध्याय का पाठ करना चाहिए । माँ कालरात्रि की कृपा से शत्रुओं का नाश होता है राजद्वार, मुक़दमे में विजय मिलती है।
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पंडित अतुल शास्त्री
9594318403/ 9820819501

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