भदोही। कैबिनेट ने आम जनता को जागरूक करने के लिये नये मोटर अधिनियम को मंजूरी दे दी है, जिसमें कानून तोड़ने या दोषी पाये जाने पर जुर्माने की राशि में काफी बढोत्तरी की है। लेकिन लापरवाह लोगों को इसपर कोई फर्क नहीं पड़ने वाला है, लोग नाबालिक बच्चों को भी चलाने के लिये मोटर गाड़ियां दे देते है जो भले बाद में उनको समस्या पैदा करे। मालूम हो कि नये मोटर अधिनियम में बिना हेलमेट व सीट बेल्ट लगाये लोगों को एक हजार जुर्माना और तीन माह तक लाइसेंस रद्द, नाबालिक द्वारा कोई दुर्घटना होने की दशा में माता-पिता को दोषी मानते हुये उनको पचीस हजार का जुर्माना तथा तीन वर्ष तक सजा हो सकती है। बिना ड्राइविंग लाइसेंस वालों से पांच हजार, निर्धारित गति से ज्यादा गति गाड़ी चलाने पर एक हजार और शराब. पीकर गाड़ी चलाने वालों से इतना जुर्माना लिया जायेगा कि बड़ी से बडी नशीली शराब का नशा तुरंत ही छू मंतर हो जायेगा जब दस हजार रूपया बतौर जुर्माना देना होगा।
कैबिनेट का यह फैसला काफी सहयोगी साबित होगा लोगों को सुधरने में लेकिन इसके लिये अब आम आदमी को भी सुरक्षित यात्रा के लिये यातायात के नियमों का पालन करना होगा अन्यथा सरकार तो अपने ढंग से तो सुधारने का बीडा तो उठाया है। स्थानीय प्रशासन को यह भी ध्यान देना चाहिये कि सड़कों पर चलने वाले डग्गामार वाहन, सवारी वाहन, स्कूली वाहन, माल वाहन आदि की भी निगरानी रखे, क्योंकि ग्रामीण क्षेत्र के सवारी वाहन के चालक मनमानी ढंग से यात्रियों से भाड़ा वसूलते है और वाहन में यात्रियों को ठूंस कर बैठाते है लेकिन पुलिस, प्रशासन या विभाग इस पर ध्यान नही देता है। इन्ही कारणों से अक्सर घटनायें भी होती है। सुरक्षित यातायात के लिये सभी को जागरूक होकर नियम का पालन करना नितान्त आवश्यक है।