भदोही। जिले में 12 जनवरी को हुए लखनों वैन हादसे के बाद दो तीन-दिन तो प्रशासन ने खुब छापेमारी करके जिले में लगभग डेढ सौ से अधिक विद्यालयों को सीज किया। लेकिन जिले के कुछ गैर मान्यता वाले विद्यालय के संचालक शासन और प्रशासन को ठेंगा दिखाते हुए चोरी छिपे विद्यालय का संचालन कर रहे है।
जिले में आजकल बहुत से स्कूल ऐसे चल रहे है जो सुबह दस बजे तक छुट्टी कर देते है। कुछ ऐसे है जो स्थान को परिवर्तित करके अन्यत्र विद्यालय चला रहे है। लेकिन कुछ ऐसे भी विद्यालय है जो गेट बंद करके अंदर ही अंदर विद्यालय चला रहे है। पता नही ऐसे विद्यालयों के बारे में प्रशासन को पता है या नही? प्रशासन जब छापेमारी कर रहा था उस समय भी कई ऐसे विद्यालय चल रहे थे जिनकी मान्यता पांच तक है और कक्षाएं हाईस्कूल तक चल रही है। अब यहां प्रश्न बनता है कि इन विद्यालयों की शिकायत करे तो कौन? क्योकि इस तरह के विद्यालय संचालको पर किसी नेता या क्षेत्र के सम्मानित व्यक्ति का हाथ रहता है या वे खुद अपने आप में एक प्रभावशाली रहते है। जिससे लोग उनकी शिकायत नही कर पाते है।
शिक्षा विभाग व जिला प्रशासन को ऐसे विद्यालयों का पता लगाकर उनके खिलाफ कार्यवाही करना बेहद जरूरी है क्योकि एक दुसरे को देखकर और संचालको का मन विद्यालय संचालित करना चाहता है। जो फिर कभी किसी हादसे को आमन्त्रित कर सकता है।
गुरूवार को दोपहर में जंगीगंज में युवाओं ने एक अवैध विद्यालय पर जाकर प्रशासन को ठेंगा देखाने वाली करतूत देखी। उक्त विद्यालय का गेट अंदर से बंद करके अंदर बच्चों को पढाया जाता है। यह विद्यालय हाइवे पर है लेकिन संचालक की हिम्मत के आगे प्रशासन का आदेश यहां बौना साबित होता दिखा। विद्यालय के संचालक ने तो पहले कहा कि कोई रजिस्टर नही है लेकिन बाद में रजिस्टर भी दिखाया जिसमें बच्चों की उपस्थिति दर्ज की गई है।
बाद में बताया कि उसका विद्यालय जंगीगंज के एक इंटर कालेज से अटैच्ड है। कुछ भी हो शिक्षा विभाग व जिला प्रशासन जैसा चाहे वैसा कराये लेकिन आम जनता को कम से कम बच्चों के स्कूल व शिक्षकों के प्रति जागरूक होना जरूरी है।