देश में जम्मू कश्मीर से धारा 370 हटाने से लोगों ने खुशी जाहिर की और कुछ लोग नें नाराजगी। इसी बीच कुछ ऐसे भी लोग है जो अपने भाषा और संयम का परिचय देते हुए जम्मू-कश्मीर के लड़कियों के बारे में अनाप-शनाप टिप्पणी देकर अपने को बहुत बडा बुद्धिमान समझ रहे है। इसमें आम लोगों के अलावा कुछ जिम्मेदार लोग भी है। जो फालतू बयानबाजी कर रहे है। मालूम हो कि यह मन:स्थिति कही न कही लोगों के मन में नकारात्मक असर डालेगी। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने नये कश्मीर के बाद अपने सम्बोधन में कश्मीर के लोगों का आह्वान किया कि वे सभी राजनीति, विज्ञान, सेना, शिक्षा, रोजगार और व्यापार में आगे आएं और देश के अन्य राज्यों की तरह विकास की मुख्य धारा में जुडकर कश्मीर व पुरे देश के विकास में सहयोगी बनें। लेकिन कुछ बयानबाजों की वजह से प्रधानमंत्री का आह्वान कही न कही फीका पड सकता है। क्योकि इन बयानबाजों की वजह से विरोधियों को हवा देने में सहायता मिलेगी और कश्मीर के लोगो के मन में सकारात्मकता भाव पैदा होने में देर हो सकती है।
कश्मीर की लडकियों को लेकर बयानबाजी करने वालों जरा यह सोचे कि उनके बयान से केवल उनकी गंदी मानसिकता का ही पता चलता है। यदि कश्मीर को लेकर बयानबाजी की जाती है तो सर्वप्रथम इस भाव को अपने मन से हटाना जरूरी है। जम्मू कश्मीर से लेकर कन्याकुमारी तक हम सभी भारतीय एक परिवार की तरह है। जिसमें हम सब को एक दुसरों के सहयोग के लिए सदा तैयार रहना है न कि नकारात्मक टिप्पणी करके आपसी मनमुटाव का माहौल बनाना है। भारत के सर्वांगीण विकास में भारत के हर नागरिक की महत्वपूर्ण भूमिका है। भले किसी मजदूर को लगता है कि मै तो मजदूर हूं मेरा क्या सहयोग है देश के लिए? लेकिन कल्पना कीजिए कि यदि देश में मजदूर काम न करें तो क्या होगा? तब देश को समझ आयेगा कि मजदूर का क्या सहयोग है देश के लिए? ऐसे ही सभी लोग देश के विकास में कही न कहीं से जुडे है। तो हम क्यों अपने भाव विचार व बातों से किसी को नाराज करें या फालतू बयानबाजी करें। हमें यह ध्यान होना चाहिए कि देश की सभी बेटियां देश के लिए अनमोल है। चाहे वह कश्मीर की हो, पंजाब की हो, तमिलनाडू की हो या बिहार की। क्योकि भारत में प्राचीनकाल से नारियों की पूजा व सम्मान की परम्परा रही है। तो हम कौन होते है देश की महिलाओं को लेकर गंदी टिप्पणी करने वाले?
जो लोग कश्मीर की लडकियों को लेकर मनमानी टिप्पणी कर रहे है उनको कुछ क्षण अपने घर की बेटियों के बारे मे भी सोच लेना चाहिए कि यदि उनके बेटियों व बहनों को लेकर वैसी ही टिप्पणी कोई करे जैसे वे कश्मीर या अन्य लडकियों के बारे में करते है। तो उनको तुरन्त इस चीज का आभास हो जाएगा कि सच में जो उन्होने किया वह गलत था। आज भारत विश्व में महाशक्ति बनने के तरफ अग्रसर हो रहा है तो हम सब का भी नैतिक कर्तव्य बनता है कि भारत की मजबूती में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएं। वह भूमिका हम जहां काम कर रहे है वही से निभा सकते है बस जरूरत है तो ईमानदारी व कर्मठता। और यह भी ध्यान रहे कि कही हमारे कार्यों या लाभ से देश को प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से नुकसान तो नही हो रहा है, या हम कही लापरवाही से अपने कार्यों में नाइंसाफी तो नही कर रहे है? यही सब भावनाएं देश के सभी के मन में विकसित हो जाएं तो देश को विश्व की शक्ति बनने से कोई रोक नही सकता है। लेकिन यदि हम धर्म, सम्प्रदाय, वाद, फालतू मुद्दों को लेकर आपस में विवाद करेंगे या मनमुटाव की भावना रखेंगें तो देश में कुछ ऐसे भी लोग है जो हमें आपस में केवल लडाकर खुद अपने स्वार्थ की रोटी सेंकना चाहते है।
हम सभी का परम कर्तव्य है कि देश की एकता, अखण्डता व विकास में अपना योगदान देने में पीछे न रहे। हम जहां है वही से अपने स्तर से देश के विकास में सहयोगी बनें। न कि किसी मानसिकता से ग्रस्त होकर अपनी शिक्षा का सदुपयोग करने की जगह दुरूपयोग करें। एक चीज और भी हमें ध्यान रखना है कि यदि हम सही काम करेगें तो आने वाली पीढी भी सुरक्षित रहेगी। नही तो हमारे कार्यों का फल आने वाली पीढी को भी भोगना पडेगा। और यदि हम शिक्षित होने के बावजूद किसी विचारधारा या वाद से ग्रसित होकर देश के ही किसी व्यक्ति या समूह का विरोध करेगे या उसे बेइज्जत करने का प्रयास करेंगे तो यह देश के लिए सही नही है। देश में हर चीज का कानून है उस कानून को पालन कराने के लिए सिस्टम है। हमें किसी भी तरह कानून को अपने हाथ में लेने का अधिकार नही है। केवल हमारा कर्तव्य है कि देश की एकता अखण्डता बनाएं रखने में सहयोग करें और अपने को देश का एक सच्चा नागरिक होने का फर्ज निभाएं।