सुरियावां में तार-तार हुई योगी सरकार की मंशा
उत्तरप्रदेश के भदोही जनपद में योगी सरकार के पीड़ितों को राहत और भू माफियाओं पर अंकुश लगाने की मंशा तार-तार होते दिख रही है। जिले के जिम्मेदार अधिकारी भू माफियाओं के इशारे पर नाचते दिख रहे हैं। पीड़ितों के लिए गुहार लगाने का कोई रास्ता नजर नहीं आ रहा है। अपनी बेबसी पर कलपते पीड़ितों की आह को अपनी सफलता समझ कर मुस्कुराते भू माफियाओं दबंगई से यदि और भी प्रभावशाली लोग उत्साहित हों तथा अन्य शहरों की संपत्तियों पर दृष्टि डालें तो आश्चर्य नहीं।
जिले के सुरियावां में उजागर हुए एक मामले में तो यही साबित किया है। भदोही प्रशासन ऐसे तत्वों के साथ हो गया है जिनकी नजर संपत्तियों पर कब्जा जमाने की है। विगत दिनों तहसील के जिम्मेदार अधिकारियों के नेतृत्व में जिला मुख्यालय से बड़ी तादात में आए पीएसी जवानों और महिला पुलिसकर्मियों ने सुरियावां थाने में एक परिवार के दर्जनों सदस्यों को बलात घर से बाहर कर दिया। विरोध में रोती चिल्लाती महिलाओं के सिर के बाल पकड़कर खींचा गया। मां को बचाने आए थे बच्चों को भी पीटा गया। घर के अधिकतर सामानों को बाहर निकाल कर ताला लगा दिया गया।
आरोप है कि पीएसी, पुलिस और महिला पुलिसकर्मियों ने कथित भूमाफिया और जिम्मेदार अधिकारियों की मौजूदगी में पीड़ित परिवार और घर की महिला बच्चों के साथ अमानवीय बर्ताव किया। दावा है कि ऐसे कुछ बाहरी लोग भी घर के सदस्यों के साथ दुर्व्यवहार किया जो कि भू माफियाओं के गुर्गे थे। पूछने पर सिर्फ यही कहा गया कि घर खाली कर ताला लगाने का ऊपर से आदेश है। घर से बेघर हुए परिवार के दर्जनों सदस्य इस सर्द भरी रात में घर के बाहर पेड़ों के नीचे रात गुजारने को विवश हैं। पुश्तैनी मकान और अन्य संसाधन के बावजूद पेड़ के नीचे के सामान बिखरे पड़े हैं ।
बताया गया कि प्रशासन से अधिक कथित भूमाफिया का दबाव घर परिवार परिसर व खेती बारी छोड़कर अन्यत्र चले जाने के लिए है। आरोप है कि ऐसा न करने पर गंभीर परिणाम भुगतने की धमकी दी जा रही है। एक ही दिन में कई कई बार दी जा रही धमकी से पूरा परिवार दहशत में है। पीड़ितों द्वारा जिसे भूमाफिया बताया जा रहा है वह कोई और नहीं बल्कि सुरियावां क्षेत्र के निदुउरा निवासी भोला नाथ शुक्ला हैं। भोलानाथ शुक्ला की गणना जिले के धनाढ्य लोगों में है। मणियाहूं विधानसभा सीट से चुनाव लड़ चुके श्री शुक्ला सुरियावां ब्लाक प्रमुख पद के लिए भी मशक्कत की थी।
अंचल में खुद को एक समाजसेवी के रूप में स्थापित करने के प्रयास में लगे श्री शुक्ला सुरियावां बाजार क्षेत्र में करीब 5 बीघे जमीन खरीदी। जो चार दशक से अधिक समय से विवादित है। उस पर स्थानीय निवासी शेष बहादुर मौर्य व अन्य आधा दर्जन से अधिक पक्का व कच्चा मकान बनवाकर काबिज हैं। शेष जमीनों पर खेती बारी करता चला आ रहा है। बताया गया कि जमीन पाली निवासी किसी व्यक्ति की थी। जिसे वह शेषबहादुर मौर्य को तत्कालीन कीमत लेकर दे दिया था। यह बात दीगर है कि इस बीच के भूस्वामी की मृत्यु हो गई। कतिपय कारणों से उक्त जमीन के क्रेता मौर्य परिवार के नाम न आकर उसके परिवार के नाम आ गयी। इसी बीच उस जमीन के बीचों बीच बाईपास रोड निकल गई। बताया गया कि जब मौर्य परिवार ने भूस्वामी के परिवार से बयान देकर अपना नाम हटाने का अनुरोध किया तो वे और अधिक कीमत मांगने लगे।
तत्पश्चात मामला अदालत में चला गया जो आज तक विचाराधीन है। इसी बीच भू वारिसों ने उक्त जमीन को किसी अन्य को भी लिख दी। दूसरा क्रेता भी जमीन पर काबिज होने व हक के लिए अदालत के शरण में हैं। इसी बीच उक्त जमीन के विषय में भोला नाथ शुक्ला को जानकारी हुई। श्री शुक्ला ने अच्छी कीमत देकर उक्त जमीन को खरीद लिया। यानी एक जमीन के तीन-तीन क्रेता बन गए। हालांकि उक्त जमीन साठ के दशक से ही शेष बहादुर मौर्य परिवार के कब्जे में है। जिसके सड़क के उत्तर वाले भाग में आवास व बाग बगीचा है। दक्षिण की तरफ खाली जमीन पर काश्त हो रही है।
बताते हैं कि जमीन खरीदने के बाद श्री शुक्ल उस पर काबिज होने के लिए तरह-तरह के हथकंडे अपनाए। आरोप है कि सफलता न मिलने पर अपने प्रभाव का असर दिखाया और प्रशासन को मनमाफिक कर दशकों से काबिज मौर्य परिवार को घर से बेघर करा दिया है। परिवार की मानें तो मौके पर आए अधिकारियों को तमाम कागजात और अदालत में विचाराधीन मामले की जानकारी दी गई। अदालत द्वारा दिए गए स्थगन आदेश को भी दिखाया गया किंतु कुछ भी ना देखने और सुनने पर अड़े प्रशासनिक अधिकारी व पुलिस कर्मियों ने ऐसा करना शुरू कर दिया। जिसे देखकर बर्बरता भी सहम गई। बिलखते परिजन रोती चिल्लाती सिर के बालों को पकड़कर घसीटी जा रही महिलाओं को बचाने आए चिंघाड़ते बच्चों को मारी जाती बूट की ठोकरें प्रत्यक्षदर्शियों के कलेजे कंपा दिए। यह सब तहसील के जिम्मेदार राजस्व व पुलिस अधिकारियों की मौजूदगी में हुआ। घरों में ताला लगा दिया गया। यह भी एक आश्चर्य है कि मजिस्ट्रेट की मौजूदगी में लगे ताले में सील तक नहीं लगाई गई है। अब घर समेत पूरी जमीन खाली करने के लिए लगातार धमकियां दी जा रही हैं। जिससे मौर्य परिवार दहशत के कारणसर्द रात में सड़क पर आ गया है।