मुम्बई में उत्तरभारतियों को लेकर कुछ न कुछ घटनायें सामने आती ही रहती हैं। चंद घटनाओं को लेकर उत्तरभारतीय समाज पर अंगुली नहीं उठायी जा सकती किन्तु चंद लोगों के कारनामें यह सोचने पर विवश कर देते हैं कि कुछ लोग अपने कारनामें से समाज को बदनाम करने का काम भी कर देते हैं।
ऐसा ही एक मामला हुआ मुम्बई के उपनगर उल्लहासनग़र में जब फब्तियां कसने पर एक उत्तरभारतीय महिला शेरनी बन गयी और उनलोगों को ऐसा सबक सिखाया कि वे जीते जी भूल नहीं पायेंगे।
हुआ यूं कि नालासोपारा में रहने वाले तीन उत्तरभारतीय युवक उल्हासनगर में कंबल तकिया जैसे सामान बेचने आये थे। उसी दौरान एक उत्तरभारतीय महिला सड़क पर जा रही थी तो एक युवक ने फब्तियां कस दी। फिर क्या उस महिला के अंदर की शेरनी जाग उठी और उसने उन्हें पकड़कर पीटना शुरू कर दिया। आगबबूली हुई इस महिला ने जब उन दोनों को पीटना शुरू कर दिया तो उनका और एक साथी बीच-बचाव में आ गया और उसे भी उन दोनों के कृत्यों का शिकार होना पड़ा।
इस घटना को देखकर कई लोगों की भीड़ जमा हो गयी। हालात ऐसे पैदा हुये कि सड़क पर वाहनों की लंबी कतारें लग गयी। मौके पर जमा हुये लोगों ने जब इस कारनामें को सुना तो उन्होंने ने भी युवकों की जमकर पिटाई की। सूचना पाकर मौके पर स्थानीय नगर सेवक रमेश चौव्हान सहित तमाम लोगों का जमावड़ा हो गया। उनलोगो ने भी उनकी कुटाई की। उक्त महिला उन युवकों को पुलिस में देने जा रही थी, लेकिन लोगों के समझाने-बुझाने पर छोड़ दिया।
देखा जाता है कि इस तरह फेरी लगाकर सामान बेचने वाले युवक कहीं के भी हों उन्हें अपने समाज के मान-सम्मान की परवाह नहीं रहती और अक्सर ऐसे कारनामें कर देते हैं जिससे समाज के उपर अंगुली उठने लगती है।