पुर्वांचल राज्य गठन मोर्चा के प्रदेश संयोजक युवा नेता राजकुमार ओझा नेें जहाँ अलग पुर्वांचल राज्य की मांग को लेकर जिलाधिकारी कार्यालय पर तीन दिवसीय अनशन किया, वही रोजगार की तलाश में साऊथ अफ्रीका पहुचे मोर्चे के सहसंयोजक रजनीश तिवारी ‘चंचल’ न केवल कंधे से कंधा मिलाकर धरना स्थल पर डटे रहे बल्कि बुधवार को सिर भी मुडवा दिया।
विदित हो कि वर्तमान युवा पीढी जहाँ चकाचौंध की दुनिया मे अपने वतन और अपनी माटी को भूल चुका है वही तीस वर्षीय इस युवा में मातृभूमि के प्रति इतना लगाव है कि दो वर्ष बाद एक महीने की छुट्टी पर आया यह युवक अलग पुर्वांचल राज्य के गठन के लिए घर परिवार को छोडकर जिले पर डटा हुआ है। जिला मुख्यालय का यह अद्भुत नजारा देखने लायक था।
जहाँ आज की युवा पीढी फैशनेबल हेयर स्टाईल रखने में ही अपनी शान समझती है, वही ‘सादा जीवन उच्च विचार’ के सिद्धांत पर जीवन जीने वाले इस बहुआयामी व्यक्तित्व के धनी युवा नेता ने बुधवार को धरने के अंतिम दिन राजकुमार ओझा के साथ अपने बाल भी मुंडवा दिये। देश को आज ऐसे ही युवा और क्रांतिकारी सोच की आवश्यकता है।
व्यक्तिगत स्वार्थ से ग्रसित कुर्सी के लालची हमारे नेताओं को भी आज ऐसे युवाओं से सीखने की आवश्यकता है। यह बात जनता से छिपी नही है कि हमारे वर्तमान नेता जिनको देश की जिम्मेदारी दी गयी थी, वे जनहित के कार्य छोडकर अपनी तिजोरियों को भरने मे ही लगे हुये है।