भदोही। वैसे माघ में बादलों की भीड़ तो देखी जा सकती है लेकिन पौष की बारिश ने तो जन जीवन को अस्त- व्यस्त कर दिया। रविवार को रात में बादलों की गड़गड़ाहट सुनकर से लोग अपने बिस्तर से उठकर घर के सामानों व अन्य चीजों को ढकते दिखे। हालांकि इस बारिश के साथ कुछ ओलें भी पडे जो बेशक ठंड को बढाने में कारगार सिद्ध हो सकते है।
नववर्ष का एक सप्ताह भी पुरा न हुआ कि ओले के साथ बारिश का आगाज कही न कही लोगों में चिंता बना रही है कि इससे शीतलहर बढ सकती है। हालांकि फसलों को कोई नुकसान की संभावना नही है। उत्तर भारत में बर्फबारी का प्रभाव बेशक पूरे देश में दिख सकता है। वैसे इस समय कई देश तूफान व ठंड के चपेट में है जिसका कही न कही असर भारत पर भी पडेगा।
इस ठंड के मौसम में पशुओं को सबसे ज्यादा समस्या होती है। वैसे मौसम के इस बदलते मिजाज को देखकर लोग और शीतलहर को बढने की आशंका कर रहे है लेकिन इस समय बारिश की संभावना बहुत ही कम है वैसे मौसम के मिजाज को बदलने में ज्यादा समय नही लगता है। लोगों को शीत से बचकर रहने व काम करने की जरूरत है।
मौसम के इस बदले मिजाज की जानकारी बहुत लोगों को सोमवार को होगी क्योकि जब बारिश व ओले पडे तो ज्यादातर लोग सो रहे थे। वैसे जो भी हो मौसम के बदलते मिजाज में स्वयं को बचाकर रखना ही अच्छा है। वर्ष के पहले सप्ताह में ही बारिश पूरे वर्ष क्या गुल खिलाएगा यह तो समय ही बताएगा।