मुंबई: मुंबई से उत्तर भारत की तरफ जाने वाली ट्रेनों की रफ्तार बेहद निराशाजनक है। 50 से 60 किलोमीटर औसत दूरी तय करने वाली ट्रेनों में यात्रा करने वाले लोग थकने के साथ-साथ ऊब भी जाते हैं। रेल मंत्रालय के तमाम दावों के बावजूद उत्तर भारत की तरफ जाने वाली ट्रेनों में ना तो रफ्तार देखने को मिल रही है और ना ही संतोषजनक सुविधाएं। महाराष्ट्र के पूर्व गृह राज्य मंत्री कृपाशंकर सिंह के अनुसार उत्तर भारत की तरफ जाने वाली ट्रेनों से रेल विभाग को सर्वाधिक आय होती है इसके बावजूद उत्तर भारतीय रेल यात्रियों को सर्वाधिक दुर्दशा और कुप्रबंधन का सामना करना पड़ रहा है। लोगों को चार- चार हजार रुपए तक देकर दलालों से टिकट लेने पड़ रहे हैं। उत्तर भारत की तरफ जाने वाली ट्रेनों की साफ-सफाई किसी से छिपी नहीं है। कृपाशंकर सिंह ने कहा कि वे जल्द ही उत्तर भारत की तरफ जाने वाली ट्रेनों में हो रही दिक्कतों और मनमानी को लेकर रेल मंत्री से मुलाकात करेंगे। उन्होंने कहा कि उत्तर भारत की तरफ जाने वाली ट्रेनों की रफ्तार बढ़ाई जाए ताकि कम समय में लोग अपने गंतव्य स्थल तक पहुंच सके।