जौनपुर। साहित्यिक सामाजिक व सांस्कृतिक संस्था काव्यसृजन उत्तर प्रदेश इकाई की मासिक काव्यगोष्ठी शिवकुमारी शिक्षण संस्थान मजगवांकला जलालपुर जौनपुर में वरिष्ठ कवि निडर जौनपुरी जी की अध्यक्षता व संस्था अध्यक्ष श्री विनय गुप्ता अकेला जी के संचालन में सम्पन्न। कवियों में जनाब हसरत हुसैन जौनपुरी, विनय गुप्ता अकेला, निडर जौनपुरी, गुरु कुमार, रश्मि दिलबहार, महेन्द्र बाबा आदि ने अपनी बहुआयामी रचनाएं सुनाकर उपस्थित श्रोताओं का भरपूर मनोरंजन किया।
अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में आदरणीय निडर जौनपुरी ने संस्था कार्य से अपनी खुशी का इजहार किया व संस्था को अपनी शुभकामनाएं दी और साधुवाद भी दिया। अंत में संस्था के महासचिव जनाब हसरत हुसैन जौनपुरी ने सभी उपस्थित कवियों का व श्रोताओं का आभार व्यक्त किया। काव्यगोष्ठी में कविवर विनय अकेला की रचनाएँ सरल भावनात्मक रही-
किसी रिश्ते दबाव में कहीं कुछ नहीं होता।
जिसका जहाँ भाग्य है वही पाता खोता।।
लाज अदब डर अनुशासन ,भूले अकेला सयानें।
जय दारू जय मेहरारू तक ,सिमटे हाय दीवाने।।
अकेला हर जगह बहाव जमाव भराव है।
बस फकत धरा पर प्रेम का अभाव है।।
किसी की पानी ही दवा,किसी की बानी ही दवा।
किसी के दुआओं की रूहानी ही दवा।।
अकेला ज्ञान किसी उम्र का मोहताज नहीं है।
सब ईश्वरीय कृपा है और कोई राज नहीं है।।
जो रूचता है इन्साँ को, वही कमॅ ठाना है।
बाकी कामों पे अकेला करे बहाना है।।