भदोही। प्रशासन मेरा फोन टेप करा रहा है। मेरे बेटे और बहू घर छोड़ कर चले गए हैं। डर के कारण कोई मेरा फोन नहीं उठा रहा। मेरी गायों को खरी चुनी और चारा नहीं मिल रहा है। फर्जी मुकदमे में फंसाकर विरोधी मेरी हत्या कराना चाहते हैं।
गत दिनों जिला पंचायत सभागार में पत्रकारों के सामने जिस तरह बाहुबली विधायक विजय मिश्रा ने बयान दिए उससे सामान्य तौर पर यही लगता है कि विधायक पुलिस द्वारा की गई कार्रवाई से डरे हुए हैं और वे तथा उनका परिवार भय के साए में जी रहा है। करीब पाँच दर्जन से अधिक मुकदमों को लगातार झेल रहे विजय मिश्रा की बातों से यही लग रहा की वे कथित ऑडियो के आधार पर हुई गुंडा एक्ट की कार्रवाई से विचलित हो उठे हैं।
प्रेस वार्ता के दौरान वे काफी आवेश में दिख रहे थे। मीडीया के सामने अपने पुराने मुकदमों की चर्चा करते हुए सभी को निराधार बताया और जमकर भावनात्मक कार्ड भी खेला। खुद को कई बीमारियों का वाहक बताते हुए ज्ञानपुर की जनता का सेवक बताया और कहा की उनका एक ही मकसद है जनता की सेवा करना। जनता के आशीर्वाद से ही वे अबतक विरोधियो को मुंहतोड़ जवाब देते रहें हैं। इस दौरान उन्होने आवेश में आकर कुछ ऐसी बाते भी मीडीया से कहनी चाही जिन्हे कहने से पहले उनके समर्थको ने रोक दिया।
गौर करने वाली बात यह है कि खुद को मौजूदा समय में बेबस बताने वाले विधायक के हजारो समर्थक ऐसे हैं जो एक इशारे पर गायों के लिए वर्षो तक के लिए चारा पानी इकट्ठा कर दे।फिर भी खरी चुनी तक ना मिलने की बात कहना कितनी हास्यास्पद है। जिन लोगों पर उन्होने साजिश रचने का आरोप लगाया है क्या वे योगी सरकार में इतने पावरफुल हैं की जिस बाहुबली के नाम की कभी तूती बोलती थी उसपर शिकंजा कसवा दे? या फिर अंदरखाने से कोई और गेम खेला जा रहा है, जिससे बाहुबली डरे हुए हैं।