पोलिस जिस पर सब का भरोसा होता है । चाहे अमीर वर्ग का हो या ग़रीब वर्ग का हर तबक़ा पोलिस पर भरोसा रखता है। सभी की यह लगता है की रिपोर्ट की है तो करवाई होगी और इंसाफ़ मिलेगा।
ऐसा ही एक मामला बरमोहिनी गाँव के ग्राम प्रधान के ख़िलाफ़ है आपको बता दे की बरमोहिनी ग्राम मोढ़े में आता है और ज़िला भदोहि पड़ता है। देखा जाय तो यू॰पी॰ पोलिस डिपार्टमेंट शोशल मीडिया पर बहुत अक्टिव है और वो ऐसा ही दिखाते भी है। आधुनिक युग में शोशल मीडिया का प्रयोग करना अच्छी बात है और ये एक सार्थक प्रयास भी कह सकते है, लेकिन जिस तरह से यू॰पी॰ पोलिस और उसमें भी ख़ासकर भदोहि पोलिस तुरंत ट्विटर पर जवाब देती है जो अच्छी बात है।
बहुत सारे लोग जो समाज में सक्रिय है और मुद्धो को सबके सामने रखते है जससे किसी ग़रीब या परेशान या पीड़ित को इंसाफ़ मिले और वो अपनी बात ट्विटर के ज़रिए सम्बंधित विभाग को पहुँचते है। जैसे की मैंने बताया की मामला बरमोहिनी ग्राम का है, जहाँ का ग्राम प्रधान एक ग़रीब महिला के बारे में अभद्र भाषा का प्रयोग कर रहा है तथा उसके चरित्र पर लांछन भी लगा रहा है।
इसी मामले में हमार पूर्वांचल आगे आया और बहुत दिनो से पीड़ित महिला की आवाज़ बन कर उसकी दर्द और पीड़ा को सबके सामने लाया तो जिले के एस॰डी॰एम॰ साहब आए और महिला से मिले। उन्होंने महिला से मामले की जानकारी लि, तो महिला ने सबके सामने एस॰डी॰एम॰ साहब को बताया कि किस तरह प्रधान ने राशन कार्ड से नाम काट दिया, सरकारी योजना से वांछित रखा और आवास देने के एवज़ में २०हज़ार रुपए की माँग की और इसी वजह से उनके पति मृत्यु हो गयी। पूरा वाक़िया सुन कर एस॰डी॰एम॰ साहब ने ग्राम प्रधान को सबके सामने फटकार लगायी। मौके पर हमर पूर्वांचल के सदस्य और वरिष्ठ रिपोर्टर कृष्ण कुमार दुबे तथा कुछ संघर्षशील युवा अधिकार मंच से और कुछ समाजसेवी भी थे।
जब इसी मामले में राष्ट्रिय ब्राह्मण युवा जान सभा के सचिव पावन मिश्रा ने सूरत से फ़ोन करके बरमोहिनी ग्राम प्रधान से बात की और पूँछा की आपने उस ग़रीब ब्राह्मण महिला को सरकारी योजनाओं से वंचित क्यों रखा? और आपको एस॰डी॰एम॰ ने सबके सामने फटकार क्यों लगाई? तो जवाब में उस प्रधान ने उस ग़रीब महिला के ऊपर आरोप लगाने लगे और उसके चरित्र पर कीचड़ उछालने लगे । अपने आप को सही साबित करने के लिए इंसान किस हद तक गिर सकता है ये प्रधान ने साबित कर दिया ।
भारतीय संभिधान और क़ानून कहता है कि कोई भी किसी महिला के चरित्र के बारे में अभद्र भाषा का प्रयोग नहि कर सकता है अगर कोई किसी महिला का चरित्र हनन करता है तो उस पर कड़ी से कड़ी करवाई होगी। इसी मामले को हमने ट्विटर पर ट्वीट किया और यू॰पी॰ पोलिस से निवेदन किया की मामले की लिखित शिकायत ले और प्रधान के ऊपर करवाई करने का कस्ट करें। हाज़िर जवाब यू॰पी॰ पोलिस और उनके ट्विटर सेल ने तुरंत जवाब दिया और लिखा की “ मामले की जानकारी , उक्त के सम्बन्ध में प्रभारी निरीक्षक भदोही 9454404318 को अवगत कराया गया। कृपया उनसे संपर्क करने का कष्ट करें “। हमने इस सम्बंध में दिए गए नम्बर पर कॉल किया तो प्रभारी निरीक्षक नवीन तिवारी से बात हुई जो की भदोहि पोलिस में हैं । उन्होंने साफ़ मना कर दिया की मुझे इस विषय में मुझे कोई जानकारी नहि है और हमारे शोशल मीडिया डिपार्टमेंट या ट्विटर सेल ने ऐसी कोई जानकारी नहि दी है। मैंने उनसे पूँछा की इतना बड़ा गैप कैसे हो सकता है और आप इतना ग़ैर ज़िम्मेदाराना बयान कैसे दे सकते हैं। तो उनके जबाब से मैं संतुस्ट नहीं हुआ और मैंने उनको कहा ही मैं ट्विटर पर फिर से लिख रहा हूँ तो पुलिस महोदय ने बड़े ही लापरवाही से कहा ठीक हैं। उनसे बात करके ऐसा लगा, जैसे की उन्हें सब पता है और वो जानबूझकर करवाई नहि करना चाहते है। इस बारे में ट्विटर पर भदोही पोलिस और यु पी पोलिस को ट्वीट किया गया है की नविन तिवारी तो मामले की जानकारी से मना कर रहे हैं , लेकिन अभी तक कोई जबाब नहीं आया है। इससे ये साबित हो रहा है की पोलिस महकमा बेवकूफ बना रही है।
अब सवाल ये उठता है कि क्या यू॰पी॰ पोलिस और भदोहि पोलिस जनता के भावनाओं के साथ खिलवाड़ कर रही है या जो नवीन तिवारी ने कहा वो सच है की शोशल मीडिया पर ट्विटर सेल सिर्फ़ लिख देते है कौन आएगा देखने। या शोशल मीडिया ने नवीन तिवारी को सूचना दी होगी लेकिन ये जनाब जानबूझकर कोई करवाई नहि करना चाहते है ऐसा भी हो सकता है की नवीन तिवारी का ग्राम प्रधान से कोई तगड़ी जान पहचान हो।
एक सवाल और की क्या यू॰पी॰ पोलिस और भदोहि पोलिस सबको बेवक़ूफ़ समझती है या सोशल मीडिया पर सतर्कता दिखाकर वाहवाही लूटना चाहती है । ये एक दुखद वाक्य है हम पोलिस पर भरोसा करते है और वही हमारे साथ खिलवाड़ करती है।