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छतमी में ‘आशा’ के घर पर विवाद करने चढ आये ‘परदेशी’ के परिजन

भदोही। कोविड-19 के संक्रमण के रोकथाम के लिए शासन और प्रशासन के तरफ से पुरी सतर्कता बरती जा रही है कि जिससे स्थिति में नियंत्रण में रखा जा सके। और सच में शासन के निर्देश को मानते हुए स्वास्थ्य विभाग के चिकित्सक और कर्मी तथा पुलिस विभाग के लोग दिन-रात मेहनत कर रहे है। और इनके कार्यों की जितनी प्रशंसा की जाये वह कम ही है। लेकिन एक बडी बिडम्बना यह है कि लोग अपने थोडे से स्वार्थ के लिए दूसरों के कार्यों का अपमान करने से बाज नही आते है और विवाद करने पर उतारू हो जाते है।
एक ऐसा ही मामला भदोही जिले के गोपीगंज क्षेत्र के छतमी गांव में सुनने को मिला जहां बाहर से आये परदेशियों को गांव में तैनात आशा पुष्पा देवी ने घर पर न रहकर विद्यालय में रहने की बात कही। इसी बात को अपने सम्मान से जोडकर परदेशियों के परिजन विवाद करने पर उतारू हो गये और आशा के घर तक चढकर चले आये और आशा के ऊपर झूठा आरोप भी लगाये कि उनके घर पर लोग भी बाहर से आये है उनको विद्यालय पर न भेजकर केवल दूसरों को विद्यालय भेजना चाहती है। आशा पुष्पा देवी ने बताया कि इसकी जानकारी उन्होने ग्राम प्रधान और एएनएम को दे दी है। आखिर यहां सवाल बनता है कि जो भी आशा गांवों में तैनात है उनकी जिम्मेदारी बनती है कि बाहर से आये लोगों को एकांतवास में रहने की सलाह दें लेकिन आशा के तरफ दी जाने वाली सलाह को अपने सम्मान से जोडकर विवाद करना कितना उचित है? हालांकि यह केवल छतमी का ही मामला नही है जिले के अधिकतर गांवों में इस तरह की बाते सुनने को मिल रही है। अन्य राज्यों से आने वाले और उनको परिजनों को भी चाहिए कि प्रशासन के तरफ से जो भी दिशा निर्देश दिये गये है उसे पालन करे जिससे परदेशी और उनके परिजन और पूरा गांव इस संक्रमण से बचा रहे।

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