जौनपुर: लोकसभा चुनाव के लिए नामांकन के चौथे दिन सोमवार को तीन लोगों ने नामांकन किया। इस संसदीय क्षेत्र से राष्ट्रीय जन गौरव पार्टी से सुनील कुमार, राष्ट्रीय समाज पक्ष से राजेश कुमार, सर्वधर्म पार्टी से सत्येन्द्र, अंडमान निकोबार जनता पार्टी से विनोद कुमार, निर्दल सजीवन व लल्ला राजभर नामांकन दाखिल किया। बीजेपी से तत्कालीन सासंद केपी सिंह पर बाजी फिर खेली है, साथ ही साथ काग्रेंस से देवव्रत मिश्र प्रतापगढ़ के दिग्गज कांग्रेसी व पूर्व राज्यसभा सदस्य बाबा मिश्र के बेटे हैं। उन्होंने वर्ष 2004 में मछलीशहर सीट से चुनाव लड़ा था,पर दाव खेला है, वही पूर्व महाराष्ट्र बसपा प्रभारी और पार्टी छोड़ काग्रेंस मे गये अशोक सिंह को जब काग्रेंस से भी निराशा मिली तो निर्दलीय उम्मीदवारी कर रहे हैं,उन्होंने भी अपना नामांकन दाखिल कर चुके है।
वही 32 वर्षों तक प्रदेश सरकार में पीसीएस अधिकारी के रूप में सेवा करते हुए 2014 में सेवानिवृत के बाद श्याम सिंह यादव ने राजनीति में कदम रखा, और उन्हें सपा-बसपा गठबंधन मे सपा के पारंपरिक यादव मतों में बिखराव रोकने के लिए मायावती ने बड़ा दांव खेलाते हुए यादव को प्रत्याशी बनाया। राजनीति में उनकी यह नई पारी जरूर है लेकिन खानदानी राजनीतिक होने का उन्हें फायदा मिलेगा। अब बात यह कि इस चुनावी रणभेरी मे पूर्वांचल की कमान प्रियंका गांधी वाड्रा को सौंपा है, तो क्या यहां के बहुतायत परांपरिक रुप से काग्रेंस का दबदबा रहा है उन लोकसभा क्षेत्रों में अपनी साख बचा पायेगी?
जौनपुर लोकसभा क्षेत्र से काग्रेंस के प्रत्याशी छः बार अब तक जीत दर्ज करा चुके है, पर 1984 यानि 35 वर्षों से खाता इस सीट पर नहीं खूला, देखा जाय तो सबसे ज्यादा दबदबा कायम रहा है काग्रेंस का, जातिगत आधार पर ब्राह्मण उम्मीदवार से ब्राह्मण मतदाताओं और नदीम जावेद की अगुवाई कराकर मुस्लिम समाज के मतदाता के वोटों को रिझाने मे कितना सफल रहेगी काग्रेंस यह अब रिजल्ट बतायेगा।