भदोही जिले में इस दौरान पीत पत्रकारिता करने वाले कथित पत्रकारों की बाढ़ सी आ गयी है। भले ही लिखने पढ़ने का सउर (ढंग) न हो किन्तु कुछ झोलाझाप पत्रकार ऐसे पैदा हो गये हैं जो बेवजह सरकारी कार्यालयों में जाकर रौब गांठते रहते हैं और प्रशासनिक अधिकारियों के अलावा आम लोगों के लिये भी मुसीबत बन जाते हैं।
ऐसा ही एक मामला दो दिन पूर्व भदोही जिले के सुरियावां थाने में आया, जब अपने दो चमचों के साथ एसओ की कुर्सी के सामने कुर्सी पर पैर पसार कर बैठे एक कथित पत्रकार ने ऐसी हरकत किया कि थाने में ही हंगामा शुरू हो गया। यदि लोगों ने बीच बचाव न किया होता तो उसकी बुरी तरह पिटाई होती और उसकी कथित पत्रकारिता की पोल पट्टी खुल जाती।
दरअसल सुरियांवा थाने में एक कथित पत्रकार अपना झोला उठाये दो चेलों के साथ पहुंच गया। वह एसओ की मेज के सामने कुर्सी पर अपने चेलों के साथ पहुंच गया। काफी देर से उसकी एसओ से गुटर पटर हो रही थी। उसी दौरान सुरियावां नगर के एक वरिष्ठ भाजपा नेता किसी मामले को लेकर थाने पहुंच गये। बता दें कि वह वहीं भाजपा नेता हैं जिनका एक पैर सड़क हादसे के बाद काटना पड़ा था। लोगों ने उस कथित पत्रकार से कहा कि अपने साथियों से कहिये कुर्सी छोड़ें ताकि वरिष्ठ नेता बैठ सकें। इस पर उसने अपनी पत्रकारिता का रौब दिखाते हुये कुर्सी न छोड़ने की बात कही और हंगामा कर दिया।
चर्चाओं की मानें तो कथित पत्रकार ने धमकी तक दी कि यदि वह चाहे तो अधिकारियों को फोन करके रामलीला व दुर्गापूजा भी बंद करा सकता है। इस पर वहां पर मौजूद बाजार के लोग आक्रोषित हो उठे जिससे पुलिस के भी होश उड़ गये। हालांकि लोगों ने बीच बचाव करके मामले को संभाल लिया अन्यथा लोग पत्रकार महोदय के पत्रकारिता की हड्डी पसली एक कर देते। हालांकि इस दौरान हुये हंगामें को लेकर काफी देरतक फारियादियों के काम रूके रहे।
बता दें कि जिले में कुछ ऐसे पत्रकार पैदा हो गये हैं जिन्हें खबरों से कोई मतलब नहीं होता। ऐसे पत्रकार थाने व सरकारी कार्यालयों के चक्कर काटते रहते हैं। अधिकारियों के पास बैठने के कारण अपनी फरियाद लेकर आने वाले लोग यह समझते हैं कि इस पत्रकार का परिचय फलां अधिकारी से है और वह उसका काम करा सकता है। इसी झांसे में आकर लोग कथित पत्रकार रूपी दलालों के चक्कर में फंसकर ठगी के शिकार हो जाते हैं और अपनी जेब खाली करने के बावजूद खौफ के कारण चुप रहते हैं।
आखिर समझ नही आ रहा कि प्रशाशन ऐसे पत्रकारों को संरक्षण क्यों दे रही है। क्यों ऐसे दलाल और चरण चटान पत्रकारों पर कार्यवाही नही हो रही हैं।
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