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पत्रकार के परिवार को दबंगों से खतरा, सुरियावां पुलिस ने दबंगो को बचाने के लिए लिखा गलत FIR

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हमार पूर्वांचल
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भदोही: केन्द्र की सत्ता पर काबिज मोदी सरकार व प्रदेश की सत्ता पर काबिज योगी सरकार भले ही पत्रकारों और उनके परिजनों के सुरक्षा को लेकर यूपी पुलिस को दिशा निर्देश देती हो किन्तु पत्रकारों के परिवार पर हो रहे हमले रूकने का नाम नहीं ले रहे हैं। ऐसे ही एक मामले में भदोही निवासी व गुजरात में पत्रकारिता कर रहे पवन कुमार मिश्रा के परिवार पर लगातार दबंगों का कहर टूट रहा है किन्तु पुलिस उन्हें बचाने में ही लगी हुई है, जिससे पत्रकार के परिजन डर के साये में जीवन व्यतीत कर रहे हैं।
जानकारी के अनुसार भदोही जिले के सुरियावां पुलिस ने दबंगो के दबाव में आकर पत्रकार पवन कुमार मिश्रा के पिता पीड़ित बटुक नाथ मिश्रा के FIR को पूरी तरह से तोड़ मरोड़ कर ADG मिर्जापुर के हस्तक्षेप में लिखा जिससे पीड़ित बटुक नाथ मिश्रा और उनके परिवार के लोगों के जान को अब और खतरा हो गया है ।
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विगत हो कि बटुक नाथ मिश्रा सुरियावां थाने के अंतर्गत बंशीपुर गांव के मूल निवासी है जिनके पड़ोसी आये दिन उनके और उनके परिवार के साथ दबंगई और मार पीट करते रहते है। जिसको लेकर भदोही के कई अधिकारियों तक शिकायत की जा चुकी है परंतु दबंगो के ऊपर आज तक कोई कार्यवाही नही हुई। दिनांक 11/10/2018 को पड़ोस के ही राहुल मिश्रा, अरुण मिश्रा और उनके घर की औरतें पीड़ित बटुक नाथ मिश्रा की पत्नी सुशीला देवी को उनके घर में घुस कर मारपीट  किये। घटना के समय बटुक घर पर नहीं थे। जब वो घर पर आए तो राहुल मिश्रा अवैध कट्टा लेकर बटुक नाथ को गोली मारने के लिए दौड़ा लिया बटुक नाथ किसी तरह अपनी जान बचा कर भागे और पुलिस थाने पहुचे जहाँ सुरियावां के SO ने उनको सुबह 10 बजे से बैठा कर रखा और उनकी FIR नहीं लिख रहे थे और दबाव बनाने लगे कि समझौता करा लें परंतु जिसकी जान खतरे में हो क्या करे। सोसल मीडिया के माध्यम से जब जब इस बात की जानकारी UP पुलिस लखनऊ ADG मिर्जापुर को दी गयी तब SO ने FIR लिखी वो भी रात के सवा 9 बजे ।
अब प्रश्न ये उठता है कि SO ने जो FIR लिखी उसमे सिर्फ ये बताया गया है उक्त लोग सिर्फ साधारण मार पीट किये। ये नहीं बताया गया कि पीड़ित बुजुर्ग और सीनियर सिटीजन है। क्या अवैध हथियार रखना अपराध नहीं है?  कट्टा लेकर किसी को मारने के लिए दौड़ाना कोई अपराध नहीं है ? यदि अपराध है तो सुरियावां so किसके दबाव में आकर इन अपराधों की धाराएं FIR में नहीं लिखा। क्या बटुक नाथ के अनपढ़ होने का फायदा उठा कर उनको सिर्फ न्याय के लिए भटका रहे है ?  ये प्रकरण 6 महीने से चल रहा है बटुक नाथ जब तहरीर लेकर जाते है तो उनकी FIR नहीं दर्ज कराना उनको वहीं कई कई घंटे बैठा लेना। आखिर भदोही प्रशासन चाहती क्या है क्यों दबंगों को शय दे रही है।
बटुक नाथ के अनुसार उन्होंने इनलोगो की प्रताणना की शिकायत भदोही DM भदोही SP भदोही CO तक कि पर अब तक कोई कार्यवाही नहीं हुई। जिससे दबंग आये दिन वरिष्ठ नागरिकों को परेशान करके रखे है। दबंग का प्रभाव इतना है कि कोई भी इनके खिलाफ बोलने से डरता है। दबंग आये दिन धार दार हथियार निकाल कर डराते रहते है । राहुल मिश्र और अरुण मिश्र को बचाने के लिए पुलिस उक्त आरोप में धारा 323 और 504 लगाई जिससे अपराधी तुरंत जमानत पर रिहा हो गए । रिहा होने के बाद ये घर पर फिर से धमकिया देना शुरू किए ।

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