Home भदोही आखिर कब मिलेगा भदोही को जिला अस्पताल

आखिर कब मिलेगा भदोही को जिला अस्पताल

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Report..Anant Dev Pandey

भदोही एक ऐसा शहर जिसकी पहचान कालीन से है, यहां की मखमली कालीन ना सिर्फ देश मे बल्कि विदेशों में भी एक अलग छाप बनाती है, इस जिले से करोड़ो का कारोबार होता है, फिर भी इस जिले में रह रहे लोग एक अच्छे इलाज के लिए भटक रहे है, आप इतने से अंदाजा लगा लीजिये कि 100 शय्या का जिला अस्पताल की बिल्डिंग बनकर तैयार है पर इलाज के लिए ना उपकरण उपलब्ध कराया जा रहा है ना ही किसी की नियुक्ति कराई जा रही है, आपको जानके हैरानी होगी , केवल नीव खुद के बिल्डिंग बनने भर में करोड़ो का घोटाला भी हो गया हैं, एसआईटी की जांच भी बैठ गयी है, आलम यह की यह अस्पताल राजनीति के भेंट चढ़ गया ,

चुनाव के दिन आये वादे हुई कसमे हुई पर अस्पताल ना बन सका, लोगो की उम्मीदों को कुंच कर नेताओ ने केवल अपना विकास किया है, इन नेताओं ने केवल चुनावो के दिनों ना सिर्फ उम्मीदों को कुचला है बल्कि जनता को ठगा है, बरसात ले दिनों में जैसे मेढक उछलते है कुछ ऐसा ही नजारा भदोही का है, वोट लेने के दिन रात जनता को भावनाओ से खेला गया, उन्हें मूर्ख बनाया गया पर जैसी सत्ता में आये उन नेताओं के दर्शन दुर्लभ हो गए , जब से यह जिला वाराणसी से अलग हुआ तब से लेके आज तक कि तस्वीरे वही है जो पहले थी, ना कोई विकास है, ना ही एक अच्छा इलाज, अनुमान इतने से आप लगा सकते हैं कि पेट दर्द का भी यहाँ इलाज नही हो सकता, जांच के लिए सरकारी अस्पतालों में मशीन नही है, आधुनिक व्यवस्थाओ से यहां के अस्पताल वंचित है ऐसे में कोरोना जैसी महामारी से कैसे लड़ेगा भदोही यह एक बड़ा सवाल है जो हर एक भदोही कि जनता के जुबान पर हैं

1 COMMENT

  1. *भदोही जिला स्थापना दिवस पर नेता और प्रशासन का भाषण*

    भदोही। 30 जून 1994 को सूबे के 65वें जिले के रूप में अस्तित्व में आया भदोही आगामी 30 जून को अपना 26वां स्थापना दिवस मनाएगा। किन्तु *इस 26 वर्षीय जिले के लगभग 20 लाख लोगों को आज तक प्राथमिक सुविधाओं का भी लाभ नसीब नहीं हुआ।*
    मैं जानना चाहता हूं कि जब हमारे जिले के नेता लोग 26वें स्थापना दिवस पर एकत्रित होंगे तो जनता को क्या कहेंगे?
    प्रशासन जनता से क्या कहेगी?

    *हे! भदोही के जन मानस हम आप के आभारी हैं और आश्चर्य चकित भी हैं कि बिना अस्पताल के आप जीवित हैं और आज इस 26वें स्थापना दिवस समारोह में सहभागी बं रहे हैं।*

    *इन 26 वर्षों में आप लोगों ने ना जाने कितने अपने लोगों को चिकित्सा के अभाव में खोया है किन्तु आप सभी बधाई के पात्र हो कि इतना सब कुछ होने के बाद आज भी आप सभी पक्ष और विपक्ष, इसका और उसका के बीच में पड़े हैं। जिसके कारण मैं आज भी आप सभी को आश्वस्त करता हूं कि अगले कई सालों तक आप का अस्पताल ऐसे ही लटका रहेगा।*

    *आप सभी लोग अपनों की असामयिक मृत्यु पर शोक मानते हुए पक्ष – विपक्ष और इसका – उसका करते रहो, हम फिर अगले स्थापना दिवस पर मिलेंगे एक नए वादे और तारीख के साथ। जय हिन्द!!!*

    ऐसे भाषण हम तब तक सुनते रहेंगे जब तक अपने हक के लिए आगे नहीं आएंगे। अत: सभी लोगों से अनुरोध है कि दलगत राजनीति से, व्यक्तिवाद के लगाव से ऊपर उठ कर एक साथ मिल कर अलख जगाना होगा।

    धन्यवाद!
    दिनेश तिवारी “डी के”

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