मुंबई । महाराष्ट्र राज्य हिन्दी साहित्य अकादमी के तत्वावधान में राज्य स्तरीय पुरस्कार- 2019 की घोषणा हो चुकी है, जिसमें विश्व भ्रमण करने वाले, भारत की सभी भाषाओं के ज्ञाता, साहित्य के प्रकांड विद्वान महापंडित राहुल सांस्कृत्यायन (ब्राह्मण कुल वंश) परिवार के शिरोमणि, युवा साहित्यकार डाॅक्टर जितेन्द्र पांडेय को “काका कालेलकर पुरस्कार” हेतु चुना गया है।
बता दें कि डाॅ• पांडेय उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ जिले की शान हैं, जिनकी शिक्षा-दीक्षा आजमगढ़ में हुई। शिक्षा ग्रहण करने के पश्चात मुंबई आगमन हुआ और इस महानगर में आते ही शैक्षणिक सेवा प्रारंभ कर दी। आज भी पांडेय जी महाराष्ट्र के पंचगणी में कुशल शिक्षक के रूप में कार्यरत हैं। वर्तमान साहित्य के प्रणेता पांडेय जी कृत चर्चित यात्रा वृतांत “देखा जब स्वप्न सबेरे” के लिए महाराष्ट्र राज्य हिन्दी साहित्य अकादमी की तरफ से “काका कालेलकर पुरस्कार” की घोषणा हुई है।
इनके द्वारा लिखित कविता में जीवन एवं व्याकरण वृक्ष, साहित्य में संतुलित दृष्टि, काव्य विवेक और निबंध साहित्य जैसे समीक्षात्मक ग्रंथ लिपिबद्ध हैं। इन्होंने कई पुस्तकों का संपादन भी किया है, शिक्षा के क्षेत्र में योगदान हेतु कई राष्ट्रीय पुरस्कार प्राप्त हो चुके हैं। अभी 2018 में भारती प्रसार परिषद द्वारा “भारती युवा साहित्यकार सम्मान” से सुशोभित किये गये थे। पांडेय जी मृदुल स्वभाव, परोपकारी, हितैषी होने के साथ-साथ अच्छे वक्ता भी हैं जिसके कारण सभी के हृदय में स्थान बनाये रखते हैं।
महाराष्ट्र हिन्दी साहित्य अकादमी द्वारा घोषणा होते ही उनके हितैषी, ईष्ट- मित्र, सगे-संबंधी मंगलदेव तिवारी, श्रीमती सुमन मिश्रा, श्रीमती भारती श्रीवास्तव,राम बचन दुबे, सुनील माने, सुनील कांबले, डाॅ• विलफ्रेड नरोन्हा, पं• प्रभारंजन पाठक, डाॅ• दयाशंकर तिवारी, एडवोकेट हृदयेश मयंक, लालचंद तिवारी, सुरेश मिश्रा, रवि राजमाने, पं• मदनमोहन पांडेय (संपादक- जनहित इंडिया पत्रिका लखनऊ), मुन्ना यादव मयंक ( मुंबई प्रतिनिधि- जनहित इंडिया) एवं विनय शर्मा “दीप” (कवि,पत्रकार) आदि ने पांडेय जी को उज्जवल भविष्य की शुभकामनायें दी है।