भदोही। चौरी क्षेत्र के कोम ग्राम में एक बार फिर माँ की ममता शर्मशार सी हो गयी। पता नही कहां की बेरहम कलयुगी माँ ने लोकलाज के चलते अपने दुध मुहे नवजात शिशु को कपड़े में लपेट कर जिंदा ही झाड़ी में फेंक दिया। वही कुत्तों के नोचने पर नवजात शिशु के रोने की आवाज सुन ग्रामीण मौके पर पहुच गये और किसी तरह से शिशु को ज़िंदा बचा लिया।
जानकारी के अनुसार मंगलवार को कोम ग्राम स्थित प्राचीन उदारनाथ महादेव मंदिर के सामने आंगनबाड़ी केंद्र के निकट निर्जन झाड़ी में एक नवजात शिशु के रोने की आवाज सुन ग्राम प्रधान मुन्ना यादव सहित तमाम ग्रामीण मौके पर पहुच गये। मौके पर दर्दनाक नजारा देख ग्रामीण दंग सा रह गये। वही नवजात शिशु को कुत्ते नोच रहे थे और शिशु लगातार रो रहा था। बच्चे की रोने की आवाज सुनकर ग्रामीणों ने तत्काल शिशु को झाड़ी से बाहर निकाला गया। तत्पश्चात् नागरिको ने शिशु के मिलने की सूचना हंड्रेड नंबर सहित थाना पुलिस को सूचना दी गयी। सुचना के देर बाद घटना स्थल पर पहुची पुलिस ने नवजात शिशु को ग्रामीणो की सहायता से उक्त शिशु (लड़का) को प्राथमिक इलाज कराने के बाद बाल संरक्षण न्यायालय में पेश किया गया।
जहां पर अधिकारियो ने उक्त नवजात शिशु को मेडिकल के उपरांत सोनभद्र स्थित शिशु बाल संरक्षण के लिए भेज दिया। बच्चा को देखने से लगता है कि उक्त नवजात शिशु रात में ही पैदा हुआ था और लोकलाज वश सोमवार की रात में ही बेरहम कपूति माँ ने उसे जिंदा ही झाडी में फेंक दिया था। मंगलवार को तड़के में शिशु के रोने की आवाज सुन ग्रामीण झाडी के तरफ दौड़े दौड़े भागे। ज़िंदा बच्चे को देख हर कोई बेरहम माँ को कोस रहा था।
वही ग्रामीण पुरुष व महिलाओ के मुँह यह बात चरितार्थ सा हो गया था कि “जाको राखे साईया मार सके न कोय।”नाजायज शिशु के मिलने की घटना को लेकर पूरे दिन आसपास के इलाके में चर्चा का विषय बना रहा।