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अनगिनत यादों के झरोखे में कलाम – मंजू गुप्ता

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मंजु गुप्ता

शिक्षाविद, दार्शनिक, वैज्ञानिक, आध्यात्मिक, संगीतज्ञ, राजनीतिज्ञ, कवि – लेखक और चिंतक भारत रत्न महामहिम राष्ट्रपति श्री अब्दुल कलाम को नमन ! मेरी उन्हें समर्पित कोटी कोटी श्रद्धांजलि और अनगिनित यादों के झरोखे में कलाम थे और रहेंगे।

” बने धरती कैसे खुशहाल “
उस पल हुई सांसें बेहाल
कह न पाई अपनी बात
विदा हो गईं ले के कलाम।

गमगीन आँखें दें विदाई
देता देश – विश्व सलामी
देश को समर्पित जिंदगानी
दे श्रद्धांजलि हर भारतवासी।

अभावों – मुश्किलों भरी जिंदगी
परिश्रम – सच्चाई करे वन्दगी
मन तरंगे हालातों से खूब लड़ी
छुई उड़ाने परमाणु की कामयाबी की।

विशाल सोच , चिंतन के ध्यानी
थे शिक्षक , आध्यात्मिक ज्ञानी
आदर्शों , अंतस प्रज्ञा के धनी
‘ विंगस ऑफ फायर ‘ लोकप्रिय बड़ी।

मानवीय पूंजी थी बड़ी भारी
बैंक पूंजी में खाता था खाली
रसीला फलदार वृक्ष सरीखा
विनम्र प्रतिमूर्ति योगदानोंवाली।

बढ़ाया विश्व में ‘ अग्नि ‘ ‘ पृथ्वी ‘ से मान
मिला ‘ मिसाइल मैन ‘ ; भारत रत्न ‘ खिताब लक्ष्य ‘ बीस हजार बीस ‘ तक का सपना करना था देश को विकसित अपना।

चढ़ी रहती अथक कामों की धुन
सफलता की समृद्धि सपनों से बुन
किया मेल अध्यात्म – विज्ञान का
जिया जीवन ‘ गीता ‘ – ‘ कुरान ‘ – सा

बन राष्ट्रपति बाल – जन -युवा में बेमिसाल नई सोच विज्ञान – चिकत्सा की बनी मिसाल सभी परम्परा-संस्कृतियों में गए थे घुल रूढ़ियों – कुरीतियों की तोड़ी अमिट दीवार।

जर्रे – जर्रे को कर गए खुशहाल
‘ न करना मेरे मरने पे अवकाश
करना देशवासियों दुगना काम ‘
करेंगी ‘ मंजु ‘ पीढ़ियां उन्हें याद ।।

डॉ मंजु गुप्ता
वाशी , नवी मुंबई

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