Home खास खबर उचेठा धाम का कामाख्या मंदिर, जहां होती है हर मनोकामना पूर्ण

उचेठा धाम का कामाख्या मंदिर, जहां होती है हर मनोकामना पूर्ण

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मां कामाख्या देवी के भक्तों के साथ पुजारी राकेश बाबा

भदोही। जिले के औराई भदोही मुख्य मार्ग पर स्थित बभनौटी बाजार के पास उचेठा गांव में मां कामाख्या देवी का विशाल मंदिर इन दिनों आकर्षण का केन्द्र बना हुआ है। हर महीने की 5 तारीख को लगने वाले मेले में सिर्फ जिले के ही नहीं बल्कि रायबरेली प्रतापगढ़ सहित अन्य जनपदों के अलावा मध्यप्रदेश, बिहार, पं. बंगाल आदि प्रदेशों में बड़ी संख्या में लोगों का आवागमन होता रहता है। जो दर्शन करके अपनी मनोकामना पूर्ण करते हैं। बताते हैं कि सच्चे मन से मंदिर में आने वाले हर भक्तों की मनोकामना यहां पर पूरी होती है।

उचेठा धाम में स्थित मां कामाख्या का विशाल मंदिर

भारत देश आस्था का देश है। विज्ञान कितनी भी प्रगति कर ले किन्तु दैविक शक्तियों से इनकार नहीं किया जा सकता है। भारत में कई मंदिर ऐसे हैं जिनके चमत्कारों के आगे विज्ञान भी नतमस्तक हो जाता है। ऐसी ही आस्था उचेठा स्थित मां कामाख्या मंदिर की है। जहां पर निःसंतानों की गोद भरी है। लोगों की मनोकामना पूर्ण हुई है। मंदिर के संस्थापक व पुजारी राकेश बाबा मां कामाख्या देवी के पुजारी हैं। उन्होने बचपन में ही घर त्याग दिया था और गुवाहाटी असम में स्थित मां कामाख्या देवी के मंदिर में साधु संतो के साथ रहने लगे। फिर उन्हें मंदिर बनाने का आदेश मिला।
मंदिर में स्थापित तीन देवियों की प्रतिमा

2005 में बाबा अपने गृह जनपद में आये और उचेठा गांव में 5 ईट रखकर एक बांस खड़ा कर दिया। उन्होने घोषणा की यहां पर तीन मंजिला मंदिर का निर्माण होगा। निहायत गरीबी में जीवनयापन करने वाले बाबा ने जब तीन मंजिला मंदिर की घोषण की तो आसपास के लोगों ने उनका मजाक भी उड़ाया किन्तु वे अपनी बात पर डटे रहे । बाबा बोलते हैं कि उन्हें मां पर भरोसा था। धीरे धीरे भक्तों का आवागमन बढ़ा। पुजारी बाबा ने मां की आराधना करके भक्तों की सम्स्या को हल करना शुरू कर दिया। परिणाम यह हुआ कि बाबा की इच्छा का सम्मान करते हुये भक्तो ने सहयोग किया और विशाल मंदिर खड़ा हो गया।
स्वभाव से बेहद सरल राकेश बाबा सदैव बोलते हैं कि मैं कुछ नहीं करता। मां की कृपा जिनपर होती है उन्हें लाभ मिलता है।

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