2016 में वाराणसी, चंदौली, भदोही सीट पर निर्दलीय बृजेश सिंह ने हासिल की थी जीत
भदोही। उत्तरप्रदेश विधानसभा चुनाव के बाद जहां नई सरकार के भाग्य का फैसला होगा वहीं विधान परिषद में भी नये चेहरों की दस्तक होगी। इसके लिये चुनाव की प्रक्रिया भी शुरू हो गयी है। 11 फरवरी को नामांकन होना है, लेकिन अभी तक भाजपा सहित किसी प्रत्याशी ने भदोही वाराणसी चंदौली सीट पर अपना प्रत्याशी घोषित नहीं किया है। इस सीट पर पिछले 24 साल से कपसेठी हाउस का कब्जा रहा है। देखना है कि इस बार कपसेठी हाउस अपना सीट बचा पाता है या नहीं।
बतातें चलें कि 1998 से 2010 तक वाराणसी भदोही चंदौली सीट कपसेठी हाउस के मुखिया स्व. उदयनाथ सिंह उर्फ चुलबुल सिंह के हाथ में रही थी। इसके बाद चुलबुल सिंह के भाई पूर्वांचल के बाहुबली बृजेश सिंह की पत्नी श्रीमती अन्नपूर्णा सिंह इसी सीट पर एमएलसी चुनी गयी। फिर 2016 में बृजेश सिंह ने स्वयं चुनाव लड़ा और जेल से ही निर्दलीय रहकर भी विजय हासिल की। एमएलसी बनने के बाद बृजेश सिंह कई आरोपों से बरी हुये, लेकिन अभी तक वे जेल में ही हैं और पिछले काफी दिनों से अपनी जमीन को बनाये रखने में जुटे हुये हैं। क्षेत्र में बृजेश सिंह के पुत्र सिद्धार्थ सिंह लगातार बनी सरगर्मी यहीं संकेत दे रही है कि एक बार फिर कपसेठी हाउस एमएलसी सीट के दावेदारी करेगा किन्तु इस बार प्रत्याशी स्वयं बृजेश सिंह होंगे या अपने पुत्र की राजनीतिक शुरूआत करेंगे। इस बात की चर्चा क्षेत्र में हो रही है।
खास बात यह है कि यूपी चुनाव की मतगणना दस मार्च को होगी, जबकि दो दिन बाद 12 मार्च को एसएलसी चुनाव की काउंटिंग होगी। जबकि एमएलसी चुनाव के लिये अधिसूचना 4 मार्च को जारी होगी और नामांकन 11 फरवरी को किया जायेगा। नामांकन पत्रों की जांच 14 फरवरी और नाम वापसी 16 फरवरी तक होगी। एमएलसी सीट के लिये मतदान 3 मार्च को सुबह आठ से शाम चार बजे तक होगा और मतगणना 12 मार्च को होगी।
बताते चलें कि इस चुनाव में सांसद से लेकर ग्राम प्रधान तक मतदाता होते हैं। साथ ही इसमें नव निर्वाचित बीडीसी, जिला पंचायत सदस्य जिला पंचायत अध्यक्ष के अलावा नगर निगम के सभी सभासद, मेयर, नगर पालिका के सदस्य, नगर पालिका के अध्यक्ष, नगर पंचायत सभासद और नगर पंचायत अध्यक्ष, विधायक, विधान परिषद सदस्य बतौर मतदाता शामिल होते हैं। 2016 में भदोही के 1215, वाराणसी के 1656 और चंदौली के 1472 मतदाताओं ने वोट किया था। तीन जिलों के 26 केंद्रों पर 45 बूथ पर वोटिंग हुई थी। प्रदेश में स्थानीय निकाय के कोटे से चुने गए 36 एमएलसी सदस्यों का कार्यकाल समाप्त हो रहा है, ऐसे में इन सीटों के लिए चुनाव होना जरूरी हो गया है।
पिछले चुनाव में उत्तर प्रदेश में एमएलसी के 28 पदों पर हुए चुनाव में बीजेपी का खाता तक नहीं खुला था। वहीं बीएसपी को दो और कांग्रेस को एक सीट मिली थी। जबकि बृजेश सिंह ने समाजवादी पार्टी की मीना सिंह को 2 हजार वोटों से हराया था।