भदोही – ब्राम्हणत्व की नगरी का स्थानीय केंद्र कहे जाने वाले काशी-प्रयाग मध्य के सोहगौरा नगर (अकोढ़ा) के परम श्रद्धेय बुजुर्ग राम प्यारे तिवारी अचानक श्रीराम जी की प्यारे हो गये। ८५ वर्षीय राम प्यारे तिवारी आज सुबह अचानक खेत का निरीक्षण करके लौट रहे थे तो घबराहट महसूस हुआ। इस दौरान ओम प्रकाश तिवारी (लेखपाल) के द्वार स्थानीय डाक्टर की टीम बुलाया गया तो बीपी लो (60) होने के कारण उनके भतिजे अशोक तिवारी (छटंकी महराज) द्वारा अपने भतिजे विनय त्रिपाठी ‘सेनानी’ के साथ गोपीगंज अस्पताल को रूख करने की तैयारी कर ही रहे थे कि अचानक इस वटवृक्ष का जीवंत स्नेह-प्यार आशिर्वाद सोहगौरा नगर में थम सा गया।
दाह संस्कार कल कलिंजरा घाट पर
गांव-समाज सहित दूर दराज के करीबीयों का उनके पुश्तैनी मकान सोहगौरा नगर (अकोढ़ा-रोही, भदोही उप्र) काशी-प्रयाग मध्य आगमन अंतिम दर्शन हेतु निरंतर जारी है। जहां उनके पुत्र क्रमशः दिलीप त्रिपाठी एवम् सतीश त्रिपाठी भी सपरिवार पहुंच रहे हैं। इस दौरान उनके नाती ‘बजरंगआदर्श जनकल्याण समिति’ के प्रवक्ता विनोद त्रिपाठी ने स्पष्ट किया है कि दाह संस्कार कल कलिंजरा घाट पर काशी-प्रयाग मध्य के सम्मानीय सामाजिक-धार्मिक लोगों की उपस्थिति में शास्त्रार्थ विधि विधान से किया जायेगा।
आरपीएफ से सेवानिवृत्त थे दरोगाजी
राम प्यारे तिवारी आरपीएफ से बतौर दरोगा सेवानिवृत्त थे और करीबन 25 वर्षो से ज्यादा निरंतर भोलेनाथ बाबा का मंदिर स्थापना उपरांत महा शिवरात्रि का दिव्य आयोजन करते रहे हैं। सरलता, सहजता, शालिनता एवम् निष्पक्षता ही उनके जीवन की सम्मानीय कथा गांव-समाज के हृदयतल पटल पर है और आज उसी धाम में अंतिम दर्शन हेतु उनके पार्थिव शरीर को रखा गया है। इस दौरान परिवार सहित सैकड़ों लोगों द्वारा श्रद्धांजलि का सिलसिला जारी है।