भदोही – काशी-प्रयाग मध्य को धर्म ध्वजवाहकों की नगरी यूं ही नहीं कहा जाता है। यहां किसी भी सामाजिक-धार्मिक मुहिम के लिए विशिष्ट ब्राम्हणों से शास्त्रार्थ मार्गदर्शन लेकर देवी-देवताओं को भी प्रसन्न किया जाता है। खैर इस परंपरा का अनुपालन राजनैतिक पृष्ठभूमि पर भी शालिनता से संस्कृति बतौर पालन किया जाता है। ऐसा हम नहीं कह रहे हैं बल्कि ऐसे कई प्रमाण स्वयं धार्मिक छटा बिखेर रहे हैं।
गौरतलब है कि काँग्रेस अध्यक्ष राहुल गाँधी के ‘बेहतर भारत अभियान’ को सामाजिक-धार्मिक प्रतिसाद चौतरफा मिल रहा है। ऐसे में भदोही जिले में काशी-प्रयाग मध्य का अंदाज तो शालिनता पूर्वक धार्मिक होना ही था। भदोही के कांग्रेसी जिला उपाध्यक्ष राजेश दूबे ने तो अभियान की सफलता के लिये काशी प्रयाग मध्य के पुश्तैनी मकान त्रिलोकी धाम (पूरेभान) पर यज्ञ-हवन भी करने बैठ गये। ऐसे में ब्राम्हण समाज का स्नेह-प्यार आशिर्वाद मिलना लाजमी था।
छोटी काशी के पुरोहित यज्ञाचार्य..
काशी-प्रयाग ही नहीं बल्कि दूर-दराज तक काशी-प्रयाग मध्य के सोहगौरा नगर को छोटी काशी कहा जाता है क्योंकि यहां संस्कृताचार्य विद्वानों ने शास्त्रार्थ गुरूत्व बोध को गौरवान्वित किया है। इस अवसर पर यज्ञाचार्य बतौर सोहगौरा नगर के भी पुश्तैनी पुरोहित सम्मानीत पं0 सूर्यप्रकाश पाण्डेय द्वारा यज्ञ-हवन संपन्न कराया गया।
पारंपरिक परिवार की उपस्थिति..
काशी-प्रयाग मध्य की एक विशिष्ट महिमा रही है कि यहां धार्मिक आयोजनों में राजनीतिक बंधन का पालन नहीं होता है और सम्पूर्ण पारंपरिक ब्राम्हण परिवार से सैकड़ों बुजुर्ग भी उपस्थित हो जाते हैं। प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक पूर्व जिला पंचायत सदस्य लालता प्रसाद चौबे, पूर्वप्रधान देवीप्रसाद मिश्र, जय नाथ पाण्डे,सेवानिवृत्त सैनिक विनय त्रिपाठी, रामप्यारे त्रिपाठी (सेवानिवृत्त दरोगा), तारकेश्वर शुक्ल,काशीनाथ शुक्ल, आद्याप्रसाद द्विवेदी ,लल्लन मिश्र, अभिषेक श्रीवास्तव, घनश्याम, उर्फ भीम शुक्ल ,पूर्व प्रधान प्रेम तिवारी, प्रेम स्वरुप तिवारी, हरिकृष्ण तिवारी ,रामधनी पाण्डेय,अमर नाथ चौबे,अशोक उर्फ डाक्टर शुक्ल,शिव शंकर पाण्डेय एडवोकेट ,उच्च न्यायालय के अधिवक्ता द्वय आर के पाण्डेय एवं संतोष दूबे ,महेंद्र तिवारी ,धर्मेन्द्र तिवारी,रामा सिंह सहित सैकड़ों प्रमुख गणमान्य धार्मिक पथमय कार्यक्रम में सम्मिलित रहे।