भदोही। काशियाना फॉउंडेशन भदोही स्थित कुष्ट आश्रम में कुष्ट रोगियों के बीच मे दीपोत्सव का त्यौहार मनाया गया। संस्था की और से संस्थापक सुमित सिंह ने बताया कि दिवाली का त्योहार भारतवर्ष में मनाए जाने वाले सभी त्यौहारों में दीपावली का सामाजिक और धार्मिक दोनों दृष्टि से अत्यधिक महत्त्व है। इसे दीपोत्सव भी कहते हैं। ‘तमसो मा ज्योतिर्गमय’ अर्हात् (हे भगवान!) मुझे अन्धकार से प्रकाश की ओर ले जाइए।
माना जाता है कि दीपावली के दिन अयोध्या के राजा राम अपने चौदह वर्ष के वनवास के पश्चात लौटे थे। अयोध्यावासियों का हृदय अपने परम प्रिय राजा के आगमन से प्रफुल्लित हो उठा था। श्री राम के स्वागत में अयोध्यावासियों ने घी के दीपक जलाए। कार्तिक मास की सघन काली अमावस्या की वह रात्रि दीयों की रोशनी से जगमगा उठी। तब से आज तक भारतीय प्रति वर्ष यह प्रकाश-पर्व हर्ष व उल्लास से मनाते हैं। भारतीयों का विश्वास है कि सत्य की सदा जीत होती है झूठ का नाश होता है। दीवाली यही चरितार्थ करती है- तमसो मा ज्योतिर्गमय।
दीपावली स्वच्छता व प्रकाश का पर्व है। आज संस्था कुष्ट रोगियों के बीच मे जाकर उन्हें दिवाली का महत्व और मिठाइयां बाटकर उनमें खुशियाँ लाने का प्रयास कर रही है। आप को ज्ञात हो कि संस्था पिछले पांच वर्षों से नशामुक्ति और गांव को गोद लेकर वहाँ पर शिक्षा, स्वछता, स्वास्थ, और जागरूकता का कार्य कर रही है, इसी कड़ी में आज संस्था ने इनके बीच मे जाकर समानता का परिचय दिया। दीप के पर्व दीपावली पर आज प्रधानमंत्री जी सैनिकों के बीच मे त्यौहार मना रहें है और उसी प्रकार संस्था के सदश्य कुष्ट आश्रम में जाकर इनके बीच खुशियाँ लाने का प्रयास कर रहें हैं। संस्था की और से सुमित सिंह ( संस्थापक, काशियाना फॉउंडेशन ), प्रतीक सिंह, मयंक राय, हरीश सिंह आदि लोग उपस्तिथ रहें।