कानपुर: कुख्यात हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे साल 2001 में दर्जा प्राप्त राज्यमंत्री संतोष शुक्ला हत्याकांड का मुख्य आरोपी है. इसके अलावा साल 2000 में कानपुर के शिवली थाना क्षेत्र में स्थित ताराचंद इंटर कॉलेज के सहायक प्रबंधक सिद्धेश्वर पांडेय की हत्या में भी विकास का नाम आया था. कानपुर के शिवली थाना क्षेत्र में ही साल 2000 में रामबाबू यादव की हत्या के मामले में विकास दुबे पर जेल के भीतर रह कर साजिश रचने का आरोप है. यही नहीं साल 2004 में हुई केबल व्यवसायी दिनेश दुबे की हत्या के मामले में भी हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे आरोपी है.
बता दें कि उत्तर प्रदेश में कानपुर के बिठूर में कुख्यात हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे और उसके साथियों ने दबिश देने गई पुलिस टीम पर फायरिंग कर दी जिसमें सीओ और एसओ समेत 8 पुलिसकर्मी शहीद हो गए. ये घटना शिवली थाना क्षेत्र के विकरू गांव की है जहां देर रात पुलिस दबिश देने गई थी. फायरिंग में 7 पुलिसकर्मी घायल भी हो गए हैं.
साल 2018 में विकास दुबे ने अपने चचेरे भाई अनुराग पर जानलेवा हमला किया था. उसने माती जेल में बैठकर पूरी साजिश रची थी. जिसके बाद अनुराग की पत्नी ने विकास समेत चार लोगों के खिलाफ नामजद केस दर्ज करवाया था. हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे की यूपी के चारों राजनीतिक दलों में पकड़ है.
साल 2002 में जब मायावती सूबे की मुख्यमंत्री थीं तब इसका सिक्का बिल्हौर, शिवराजपुर, रनियां, चौबेपुर के साथ ही कानपुर नगर में चलता था. इस दौरान विकास दुबे ने जमीनों पर अवैध कब्जे के साथ और गैर कानूनी तरीकों से संपत्ति बनाई.
गौरतलब है कि जेल में रहने के दौरान हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे शिवराजपुर से नगर पंचयात का चुनाव जीत चुका है. बसपा सरकार के एक कद्दावर नेता से इसकी करीबी जगजाहिर थी. इस दौरान विकास ने अपना खुद का एक बड़ा गैंग खड़ा कर लिया था. इसके ऊपर 60 से ज्यादा मामले दर्ज हैं जो डीटू गैंग के सरगना मोनू पहाड़ी से भी ज्यादा है.