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भदोही : नहीं मिले रेप और हत्या के सबूत, वो10 मिनट जब गायब हुई थी खुशबू

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भदोही । शहर कोतवाली क्षेत्र के तुलसीचक गाँव में हुई खुशबू यादव की मौत के बाद पुलिस अभी तक जाँच में जुटी हुई है किन्तु अपहरण, रेप और हत्या का कोई भी सुराग हाथ नहीं लगा है। जबकि राजनीतिक दलों ने इस मौत को मुद्दा बना लिया है। दूसरी तरफ सोशल मीडीया पर भी खुशबू को न्याय दिलाने की मुहिम चल रही है । सूत्रो को माने तो जाँच के दौरान जो तथ्य सामने आए हैं उसमें मात्र 10 मिनट में ही खुशबू गायब हुई थी ।

बता दे की खुशबू यादव अपने परिवार के किसी सदस्य के साथ अक्सर मवेशियों को चराने घर से करीब 400 मीटर दूर वरूणा नदी के किनारे जाती थी । उस दिन भी ऐसा ही हुआ था । बताते हैं की अपनी बहन के साथ वह मवेशियों को लेकर गई थी । थोड़ी देर बाद जब परिजन मवेशियों को लाने गए तो वह गायब थी । खोजबीन के बाद वह नहीं मिली तो पुलिस को सूचना दी गई । किन्तु तीसरे दिन 19 अगस्त को उसका शव नदी में मिला ।

शव को देखकर लोगों को यह लगा की उसकी हत्या हुई है। शरीर के ऊपरी भाग के कुछ कपड़े फटकर गायब थे । कुछ बाल भी उखड गए थे । अंदाजा लगाया गया की उसके साथ रेप करके शव को तेजाब से जलाने का प्रयास किया गया । एसपी भदोही ने भी हत्या होने की आशंका जताई थी ।

पोस्टमार्टम होते ही बदल गई थ्योरी !

ग्रामीणो को ही नहीं बल्कि पुलिस को भी हत्या का शक था । दो चिकित्सको के पैनल ने पोस्टमार्टम किया । पोस्टमार्टम की रिपोर्ट सामने आयी तो पुलिस भी चौंक पड़ी । ना तो बलात्कार की पुष्टि हुई और ना ही हत्या की। मौत पर भी राजनीति करने वालो को पुलिस पर शक करने का मौका मिल गया । हालांकि परिजनो ने दुबारा पोस्टमार्टम करने की मांग नहीं की । लेकिन पुलिस कप्तान संतुष्ट नहीं थे । खुशबू का शव अंतिम क्रिया के लिए घाट पर पहुँच चुका था । एसपी ने स्वयं हस्तक्षेप करके शव को रुकवाया और दुबारा पोस्टमार्टम करने के लिए पाँच चिकित्सको की टीम बना दी ।

दूसरी बार पोस्टमार्टम होने के दिन काफी संख्या ग्रामीण जमा हो चुके थे । मौत पर राजनीतिक रोटी सेंकने वालों का भी जमावड़ा लगा था । उसी दौरान पुलिस ने परिजनो के सामने बात रखी कि यदि परिजन भदोही में पोस्टमार्टम से संतुष्ट नहीं हो तो वाराणसी, मिर्जापुर या प्रयागराज जहाँ भी सहमत हो पोस्टमार्टम करा सकते हैं। किन्तु परिजनो ने भदोही में ही सहमति जताई । दुबारा पाँच चिकित्सको की टीम ने जाँच किया किन्तु रिपोर्ट पानी में डूबने से हुई मौत की बताई ।

पूछे जा रहे यह सवाल और जाँच के तथ्य

खुशबू की मौत के बाद कुछ सवाल खड़े हो गए । जैसे शव काला क्यों पड़ा ? बाल कैसे गायब हो गए ? आखिर पानी में डूबी कैसे ?
गायब होने के तीसरे दिन जब शव मिला तो लोगों के कई सवाल उठ खड़े हुए । जबकि पुलिस को हत्या और रेप के कोई भी सबूत नहीं मिले । जिन ईट भट्ठा संचालकों पर आरोप लग रहे थे वे दो दिन से भट्ठे पर आए ही नहीं थे । पुलिस की जाँच टीम को भी आरोपियो पर अपराध में लिप्त होने का कोई सबूत नहीं मिला । उनके मोबाइल लोकेशन भी उस दिन घटनास्थल से काफी दूर थे । जिन पर आरोप लगाया गया वे फरार नहीं हुए बल्कि खुद पुलिस के पास पहुँच गए ।

जाँच के दौरान कुछ तथ्य सामने आए हैं । पहले दिन चर्चा थी की उसकी छोटी बहन खाना खाने के लिए आयी और 20 मिनट बाद पहुची तो खुशबू गायब थी । जबकि खुशबू की कोई छोटी बहन है ही नहीं । पाँच बहनों में वह खुद सबसे छोटी थी । होता यह था कि जब मवेशियों को वापस लाना होता तो परिवार का कोई ना कोई सदस्य जाकर लाता था । यह रोज की प्रक्रिया थी । उस दिन भी यही हुआ मवेशी लाने उसकी बहन नहीं बल्कि उसकी माँ और भाई गया था । जिन्होंने खुशबू को गायब देखा ।

खुशबू जहाँ मवेशीयों को चरा रही थी उसकी दूरी महज 400 मीटर थी । जब घर से खुशबू की माँ और भाई करीब 100 मीटर दूर आ चुके थे । तबतक वह एक पेड़ के पास थी । जाँच के दौरान यह जानकारी गाँव के ही एक युवक ने दी । वह युवक खुशबू से महज 200 मीटर दूर था जिसने मृतका को पेड़ के नीचे बैठा देखा था । उक्त युवक खुशबू की माँ और भाई को भी आते देखा था । फिर वह किसी कार्यवश कही चला गया । जब माँ पेड़ के पास पहुची तो वहीं पर लाठी पड़ी थी और खुशबू गायब थी । सबसे बड़ा सवाल यही है की मात्र 8-10 मिनट में वह कहा गायब हो गई ।

पोस्टमार्टम की रिपोर्ट में डूबने से हुई मौत बताया जा रहा है । अंदाजा लगाया जा रहा है कि घर जाने के समय वह शौच के लिए गई होगी और नदी के किनारे पानी से हाथ धोने गई होगी । हो सकता है कि उसी दौरान वह फिसल गई और पानी में जा गिरी । पानी का बहाव तेज था और वह खुद को संभाल नहीं पाई । पानी में डूबने के कारण उसकी मौत हो गई ।
दूसरे दिन लोग पानी में खोजे किन्तु पता नहीं चला । तीसरे दिन शव फूलकर पानी के ऊपर आया और झाड़ियों में फंस गया । पानी में फूलने के कारण कपड़े फट गए होंगे । चिकित्सको की माने तो शरीर का जो भाग पानी के ऊपर था वह काला पड़ गया था जिसे लोग तेजाब से जलाना बता रहें है । शव सड़ने के कारण झाड़ियों में फंसकर बाल भी उखड़ सकते हैं ।

कौन कर रहा है साजिश !

खुशबू की मौत दुःखद है किन्तु मौत पर हो रही राजनीति में साजिश भी हो रही है । घटना के घटनास्थल पर पहुचे मीडीयाकर्मी और पुलिस ने सैकड़ों फोटो लिए । तब मौके पर कोई सबूत नहीं मिला । लेकिन गुरुवार को एक झाड़ी पर कुछ काले रंग का पदार्थ देखा गया । जिसे तेजाब कहकर प्रचारित किया गया । जब उसकी जाँच हुई तो वह तेजाब नहीं बल्कि तेल निकला । गौर करने वाली बात है कि जाँच में सहयोग करने के बजाय ऐसा कौन सा व्यक्ति है जो मामले को उलझाने की साजिश रच रहा है ! एक बात गौर करने वाली यह भी है की घटनास्थल के नजदीक ही दो मजदूर काम कर रहे थे । यदि अपहरण जैसी घटना घटी तो उन्होने कुछ क्यों नहीं देखा । गाँव में अक्सर शाम को लोग खेतो में काम करते रहते हैं फिर अचानक इतनी बड़ी घटना घटित हो गई और किसी की निगाह क्यों नहीं पड़ी ।
खैर पोस्टमार्टम रिपोर्ट भले ही रेप हत्या की पुष्टि नहीं करता किन्तु पुलिस अभी भी मामले के तह तक जाने के प्रयास में जुटी है और हर पहलू पर जाँच कर रही है ।

1 COMMENT

  1. ये न्यूज़ गलत है भईया जी आप सत्य नही छुपा सकते

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