डीघ विकास खंड के केवटाही माँडल विद्यालय में बच्चों को कापी कलम की जगह मैडम डंडे के दम पर कराती है साफ सफाई
Report…Anant Dev Pandey
भदोही मे सरकार भले ही सरकारी स्कूल के बच्चों को कांवेंट स्कूलों की तर्ज पर सुविधा देने का दम भर रही हो। मगर, इनमें से कई स्कूलों के शिक्षक बच्चों को पढ़ाने के बजाय उनसे साफ-सफाई करवाते हैं। ऐसे में खुद ही अंदाजा लगाया जा सकता है कि इन स्कूलों में किस तरह शिक्षा का बंटाधार किया जा रहा है। कई स्कूलों के बच्चे क्लास में पढ़ाई की शुरूआत करने से पहले खुद झाड़ू लगाकर साफ-सफाई करते हैं और ये नजारा अक्सर ही देखने को मिलता है।
उत्तर प्रदेश के सरकारी स्कूलों में शिक्षा की क्या हालत है इस बात का अंदाजा इस बात से ही लगाया जा सकता है कि यहां बच्चों के हाथों में कॉपी-किताब की जगह झाड़ू नजर आ रही है। बेसिक शिक्षा विभाग ने भले ही स्कूलों की साफ-सफाई की जिम्मेदारी वहां पढ़ा रहे टीचरों को दी हो। लेकिन कुछ टीचर ऐसे भी हैं जिन्होंने छात्रों के हाथों में झाड़ू थमा दी। ऐसा ही एक मामला भदोही जनपद के डीघ विकास खंड के माँडल विद्यालय केवटाही प्राथमिक और पूर्व माध्यमिक विद्यालय का सामने आया है। सुबह जब बच्चे स्कूल पहुंचते हैं तो उनके हाथ में पेंसिल और कॉपी-किताब की जगह झाड़ू थमा दी जाती है और छात्रों को ही सफाई कर्मी बना दिया जाता है।
छात्रों के साथ किए जा रहे इस तरह के व्यवहार को देखकर जब हमारी टीम स्कूल के अंदर पहुंची तो महिला टीचर हड़बड़ा गईं और बच्चों को झाड़ू रखकर क्लास में बैठने के लिए कहने लगीं। जब हमने स्कूल की टीचर से पूछा कि आप बच्चों से झाड़ू क्यों लगवा रही हैं तो वह मानने को तैयार ही नहीं थीं। वह सफाई देने लगीं कि स्कूल में कोई सफाईकर्मी नहीं आता है। वहीं दुसरी ओर बच्चे बता रहे हैं कि मैडम जी रोज काम करवाती हैं खैर वजह जो भी हो लेकिन एक तरफ सरकार सर्व शिक्षा अभियान में करोड़ों रुपए खर्च कर बच्चों को पढ़ने के लिए प्रेरित कर रही है। तो वहीं दूसरी तरफ बच्चों को पढ़ाने की जिम्मेदारी लेने वाले की इसकी जमकर धज्जियां उड़ा रहे हैं और बच्चों के हाथ में किताबों की जगह झाड़ू थमा रहे हैं।